भैरवपुर – एक श्रापित गाँव (Bhairavpur – The Cursed Village) – horror Story in hindi

Horror Story in Hindi उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बसा था एक गाँव — भैरवपुर। इतिहास में दर्ज नहीं, नक्शों में गुम। कहते हैं, वहाँ एक ऐसा श्राप है जिसे सुनकर भी रूह काँप जाती है। वहाँ कोई जाता नहीं, और जो जाता है… लौट कर नहीं आता।
भैरवपुर - एक श्रापित गाँव- Horror Story in hindi
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🎭 भाग 4: दीवारों के पीछे

ग्रामोफोन की डरावनी धुन हवेली की फिज़ा में ज़हर घोल रही थी। बच्चे की हँसी अब इधर-उधर गूंजने लगी थी, मानो हवेली की हर दीवार में कोई छुपा बैठा हो।

मीरा ने डरते हुए दीवार पर हाथ फेरा और अचानक उसकी हथेली में कुछ चिपचिपा महसूस हुआ।

“ये… ये क्या है?” उसने टॉर्च की रौशनी में देखा — ताज़ा खून। दीवारें टपक रही थीं।

“ये खून… दीवार के अंदर से आ रहा है!” रघु चिल्लाया।

आदित्य ने ध्यान से दीवार पर बने चिन्हों को देखा — कुछ तांत्रिक मंत्र, कुछ उल्टे त्रिशूल, और एक जगह खुरच कर लिखा हुआ था:
“खून से सींचा गया है ये घर। हर ईंट एक बलिदान है।”

“ये हवेली… कोई आम हवेली नहीं…” आदित्य ने धीमे स्वर में कहा, “यहाँ कुछ… बंद है।”

तभी पास ही की दीवार पर अचानक एक दरार उभर आई — और उसमें से झाँकी दो जलती आँखें।

“वो… फिर से वही आँखें!” मीरा चिल्लाई, “जैसे उस बच्चे की थीं!”

एक ज़ोरदार धमाके से दीवार का एक हिस्सा टूट गया, और अंदर एक गुप्त कोठरी नज़र आई।

तीनों डरते-डरते उस कोठरी में घुसे।

कोठरी में एक पुराना आसन था, जिस पर सूखे फूल और राख बिखरी थी। सामने एक मूर्ति — आधा इंसान, आधा पशु — और उसके पैरों के नीचे कई इंसानी खोपड़ियाँ रखी थीं।

“ये… कौन सी मूर्ति है?” रघु ने काँपते हुए पूछा।

“ये कोई तांत्रिक देवता है… शायद वही ‘भैरव’ जिनके नाम पर गाँव है।” आदित्य ने अनुमान लगाया।

अचानक, मूर्ति की आँखें लाल होकर चमकने लगीं।

फिर, कमरे की मिट्टी हिलने लगी और एक और दरवाज़ा ज़मीन से ऊपर उठा।

दरवाज़े के भीतर सीढ़ियाँ थीं — नीचे जाती हुईं, बहुत गहरी, बहुत अंधेरी…

“क्या करें?” मीरा ने कांपते स्वर में पूछा।

आदित्य ने कहा, “हम जितना भीतर जाएँगे… उतना सच सामने आएगा।”

और फिर, तीनों ने वह अंधेरी सीढ़ियों की ओर कदम बढ़ा दिए…

(जारी है…)

👁️ अगले भाग की झलक: सीढ़ियों के नीचे क्या छुपा है? और क्या तीनों इस तांत्रिक रहस्य के और करीब पहुँच चुके हैं?

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