Flat Number 704 – एक अनकही सच्चाई – REal Horror Story in Hindi

पुणे के एक फ्लैट नंबर 704 में रहने की सच्ची कहानी, जहाँ हर रात कुछ अनदेखा घटता है। जानिए इस real horror story in hindi में क्यों हर किराएदार वहाँ से भाग जाता है।
real horror story in hindi
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🕳️ पड़ोसियों की चुप्पी – डर की एक और परत

Real horror story in hindi
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जब मैं वापस आया, तो नीचे रहने वाली एक आंटी से पूछा – “आंटी, क्या 704 में पहले कोई रहता था?”

आंटी पहले तो चुप रहीं, फिर धीरे से बोलीं – “बेटा, वो फ्लैट पहले एक कपल का था। लेकिन एक साल पहले… उस औरत ने वहीं बाथरूम में फांसी लगा ली थी। पति तो काम पे था, लौट के आया तो दरवाज़ा अंदर से बंद मिला।

मैंने पूछा – “पर क्यों किया उसने ऐसा?

आंटी ने एक ही बात कही – “कहा जाता है कि उसे लगता था घर में कोई और है… कोई जो दिखता नहीं, पर होता है।

उस रात मैं फिर फ्लैट में अकेला था। लाइट्स ऑन करके सोने की कोशिश की… पर ठीक 2:41AM पर लाइट बंद हो गई।


एक रात ऑफिस से देर लौटा और थककर बस लेटा ही था कि फोन बजा – अननोन नंबर

उठाया – सिर्फ साँसों की आवाज़

मैंने कहा – “कौन है?

तब एक बेहद धीमी, फटी हुई सी औरत की आवाज़ आई – “क्यों आये तुम यहाँ…? मेरा घर क्यों लिया…?

मेरे तो हाथ काँपने लगे। फोन डिस्कनेक्ट हो गया। कॉल रिकॉर्ड देखा – कोई रिकॉर्ड नहीं था।


वो रात कभी नहीं भूल सकता। मैं गहरी नींद में था। अचानक ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे जगाया हो। आँख खुली तो सामने – एक औरत खड़ी थी।

सफेद गीला सूट, बाल भीगे हुए, और आँखें… जैसे किसी ने फाँसी के बाद भी ज़िंदा छोड़ दिया हो।

वो एकटक मुझे देख रही थी।

फिर उसने पूछा – “तुम नहीं जाओगे? तुम भी मरोगे।

और अगले ही पल… वो गायब हो गई।


सुबह होते ही मैं सीधे सोसाइटी मैनेजर के पास गया। उन्हें सब बताया। उन्होंने एक लाइन में जवाब दिया – “तुम पहले नहीं हो जिसने ये बताया है। पहले भी चार किराएदार भाग चुके हैं।

मैंने कहा – “तो कोई कुछ करता क्यों नहीं?

वो बोले – “पुलिस ने केस बंद कर दिया है… ‘सुसाइड’ का केस है। लेकिन जो देखता है, वो रह नहीं पाता।

मैंने उसी दिन फ्लैट छोड़ दिया।


आज भी वो फ्लैट बंद नहीं है। हर दो-तीन महीने में कोई नया किराएदार आता है… और फिर भाग जाता है।

सोसाइटी वालों ने अब उसे “Service Flat” बोलकर लिस्ट किया है – short stay के लिए।

कई बार लोगों ने वहाँ से आते हुए बाथरूम की खिड़की से किसी के झाँकने की बात कही है।


🩸 क्या ये बस मेरी कल्पना थी…?

शायद आप सोचें कि ये सब दिमागी भ्रम था। लेकिन जब वही चेहरे, वही आवाजें… अलग-अलग लोग अलग-अलग समय पर महसूस करते हैं – तो क्या ये भी महज़ इत्तेफ़ाक है?



👉 ये थी एक real horror story in hindi, जो आज भी रूह कंपा देती है। अगर आपको ये सच्ची भूतिया कहानी डरावनी लगी, तो इसे ज़रूर शेयर करें। क्या आपके साथ भी कुछ ऐसा हुआ है? कमेंट में बताएं।

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