पिशाचिनी की कोख: भाग 1 – एक तूफानी रात का रहस्य | Hindi Horror Story

Hindi Horror Story | यूँ तो बारिश का मौसम अपने साथ ताज़गी और सुकून लेकर आता है, पर आज की बारिश कुछ और ही संदेश लेकर आई थी। आसमान में काले बादलों का राज था और बिजली की कड़कड़ाहट दिल दहला रही थी। रोहन, एक 28 साल का युवा, अपने लैपटॉप पर काम में मशगूल था। शहर में बिजली की आंख-मिचौली जारी थी और इसी बीच एक जोरदार गड़गड़ाहट के साथ बिजली गुल हो गई।
रोहन ने हड़बड़ाकर अपने फ़ोन की टॉर्च जलाई, तभी अचानक डोरबेल बजी। इतनी तूफानी रात में कौन आया होगा? रोहन ने सोचा। शायद कोई पड़ोसी होगा जिसे मदद चाहिए। उसने हिम्मत कर के दरवाज़ा खोला, पर सामने कोई नहीं था। सिवाय बारिश की बूँदों के और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने चारों ओर नज़र दौड़ाई, दूर-दूर तक सिर्फ़ अँधेरा था।
वो दरवाज़ा बंद करने ही वाला था कि उसकी नज़र नीचे गई। वहाँ एक टोकरी थी और उसमें एक नवजात बच्चा सो रहा था। उसका चेहरा मासूम और गोरा था, जो अँधेरे में भी चमक रहा था। रोहन को एक पल के लिए सुकून मिला, लेकिन अगले ही पल वो सोच में पड़ गया। यह बच्चा इस तूफानी रात में यहाँ कैसे? क्या किसी ने उसे छोड़ दिया है? उसने आस-पास देखा और पूछा, “हेलो, कोई है? यह बच्चा किसका है?”
सिवाय बारिश की तेज़ आवाज़ के उसे कोई जवाब नहीं मिला। बारिश इतनी तेज़ थी कि वह बच्चे को बाहर नहीं छोड़ सकता था। उसने टोकरी उठाई और घर के अंदर ले आया। तभी टोकरी से एक चिट्ठी नीचे गिरी। चिट्ठी देखकर रोहन को हैरानी हुई, लेकिन एक उम्मीद भी जगी। शायद इस चिट्ठी से बच्चे के बारे में कुछ पता चले। उसने बच्चे को सोफ़े पर रखा और तुरंत चिट्ठी उठाकर खोली।
चिट्ठी में लिखा था: “तुम्हारी भूल का नतीजा मैंने तुम्हारे पास भेज दिया है। इसे संभालकर रखना, क्योंकि यह तुम्हारा और मेरा अंश है। तुम मुझसे दूर भाग सकते हो, लेकिन अपनी औलाद से नहीं।”
चिट्ठी पढ़ते ही रोहन के होश उड़ गए। उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया। वह बार-बार चिट्ठी को पढ़ रहा था, जैसे उसे लिखे शब्दों पर यकीन नहीं हो रहा हो। उसकी घबराहट उसके माथे पर पसीने की बूँदों के रूप में झलक रही थी। “नहीं! ऐसा नहीं हो सकता। मुझसे इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है?”