रहस्यमयी रेलवे स्टेशन – Real Horror story -based on true experience

शिवपुर स्टेशन पर रवि के साथ घटी एक सच्ची डरावनी घटना। पढ़ें यह रहस्यमयी real horror story in Hindi जो रूह तक हिला देगी।
real horror story in hindi
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पार्ट 2: पटरियों पर फुसफुसाहटें – Real Horror story

रवि चाय की दुकान के पास खड़ा था, दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। वो बूढ़ा आदमी अचानक गायब हो गया था—न कोई कदमों की आहट, न कोई निशान। जैसे वो अंधेरे में घुल गया हो। चायवाले के उलझे चेहरे ने उसकी बेचैनी और बढ़ा दी।

वो खुद को सामान्य करने के लिए एक कप चाय लेकर पास की बेंच पर बैठ गया। स्टेशन लगभग शांत था—सिर्फ ऊपर की बिजली की तारों की हल्की गूंज और दूर कहीं कुत्ते के भौंकने की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

फिर…
उसने सुना।

एक धीमी सी फुसफुसाहट, बहुत हल्की—जैसे कोई उसका नाम ले रहा हो:
“रा…वी…”

वो तेजी से मुड़ा। कोई नहीं था। प्लेटफॉर्म बिल्कुल खाली था। चायवाला भी अब अंदर जा चुका था।

रवि खड़ा हुआ, उसने अंधेरे में दूर तक देखा।

तभी उसे कदमों की आवाज़ सुनाई दी—बिलकुल पीछे से। उसने तुरंत मुड़कर देखा—कुछ नहीं।

लेकिन जैसे ही उसकी नज़र पटरियों पर पड़ी—उसका दिल थम गया।

वहां कोई खड़ा था।

एक लड़की।
लंबे काले बाल, पीठ उसकी ओर, शायद स्कूल यूनिफॉर्म में।
वो एकदम स्थिर खड़ी थी, सामने वाले प्लेटफॉर्म की ओर देखती हुई।

रवि चिल्लाया, “अरे सुनो! ट्रैक से हट जाओ! कोई भी ट्रेन आ सकती है!”

कोई प्रतिक्रिया नहीं।

वो घबराया हुआ ट्रैक की ओर बढ़ा।

लेकिन जैसे ही वो नज़दीक पहुंचा, वो लड़की गायब हो गई।
न दौड़ी, न कूदी—बस अचानक… गायब।

रवि घबरा कर पीछे हट गया।

उसी पल, किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा। वह डर से जम गया।

धीरे-धीरे मुड़ा—
वो स्टेशन मास्टर था, हाथ में लालटेन लिए।

“बेटा, इतनी रात को यहाँ नहीं रुकना चाहिए,” बूढ़े ने कहा।
“ये जगह… याद रखती है चीज़ें। और इसे अजनबियों की टोह़ अच्छी नहीं लगती।”

रवि की आवाज़ काँप रही थी, “अभी-अभी एक लड़की पटरियों पर खड़ी थी… आपने देखा?”

स्टेशन मास्टर की आँखें सिकुड़ गईं।

“यहाँ कोई लड़की नहीं है। पिछले दस साल से नहीं देखी गई।”
वो रुका, और फिर गंभीर स्वर में बोला—
“वो मर गई थी… ठीक यहीं, एक ट्रेन का इंतज़ार करते हुए जो कभी नहीं आई।”

[जारी है…] Next page 3 par

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