[Real Horror Story]अधूरी आत्मा: सरकारी क्वार्टर की खौफनाक रातें

असम के एक क्वार्टर में घटी Real Horror Story in Hindi — रहस्यमयी घटनाएं, एक आत्मा और एक रात जिसने सब कुछ बदल दिया।
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🩸 भाग 4: छत पर चलती परछाईं

सुबह होने में अभी दो घंटे बाकी थे। पूरा घर अब जाग चुका था। किसी को नींद नहीं आ रही थी। सबकी निगाहें बार-बार छत की ओर जा रही थीं, जहाँ से अब भी धीमी धीमी चलने की आवाज़ें आ रही थीं — जैसे कोई नंगे पाँव धीरे-धीरे चल रहा हो।

नानी ने धीमे स्वर में कहा, “वो सिर्फ दीवार में नहीं थी… वो इस घर के हर कोने में फैली हुई है। ये घर अब सुरक्षित नहीं है।”

क्रिस्टी की माँ ने काँपती आवाज़ में पूछा, “पर ये सब हो क्यों रहा है? इतने सालों तक कुछ नहीं हुआ…”

नाना चुप रहे। उनके चेहरे पर पसीना साफ दिख रहा था। फिर अचानक, घर के बिजली के बल्ब फड़फड़ाने लगे — और फिर एक साथ बुझ गए।

चारों ओर अंधेरा छा गया।

ठीक उसी वक्त, ऊपर छत से एक भारी चीज़ के गिरने की आवाज़ आई — जैसे कोई ज़मीन पर आकर टकराया हो।

सब डर के मारे एक-दूसरे से चिपक गए। तभी मामा ने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और बोले, “मैं देखता हूँ ऊपर क्या है।”

“नहीं जाओ!” माँ चीखीं, पर मामा सीढ़ियों की तरफ बढ़ चुके थे।

सीढ़ियाँ चरमराने लगीं। हर कदम पर मोबाइल की टॉर्च दीवारों पर अजीब छायाएँ बना रही थी।

छत का दरवाज़ा खुला…

और फिर कुछ सेकंड्स तक सब शांत रहा।

फिर…

एक खौफनाक चीख गूँजी — मामा की!

“पीछे हटो! दरवाज़ा बंद करो!” मामा दौड़ते हुए नीचे आए — उनके कपड़े फटे हुए थे, चेहरा पीला और आँखें डर से फटी हुईं।

उन्होंने हाँफते हुए कहा, “वो… वो औरत नहीं है… वो इंसान नहीं है!”

“क्या देखा तुमने?” नाना ने पूछा।

मामा काँपते हुए बोले — “वो दीवार से निकली है… और अब वो इस घर में घूम रही है… और सबसे पहले… उसने मुझे देखा था!”

अब पूरा घर ठंडी हवाओं से भर चुका था।

किसी ने पीछे से धीमे स्वर में फुसफुसाया — “क्रिस्टी…”

सबने पलटकर देखा — लेकिन क्रिस्टी वहाँ नहीं थी।

वो अब उस औरत के पास थी…

[Real Horror Story keअगले भाग में जारी रहेगा — क्रिस्टी कहाँ गई? और क्या वो अभी ज़िंदा है…?]जानने के लिए पढ़ें Next Page 5

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