भाग 7: मिट्टी के नीचे दफ़न सच– Hindi Horor Story
बुज़ुर्ग औरत की बातों ने हम सबको अंदर तक हिला दिया था। लेकिन तान्या, जो अब तक सबसे ज़्यादा डरी हुई थी, अचानक शांत हो गई।
“अगर उस औरत को ज़िंदा जलाया गया था,” उसने कहा, “तो उसका कुछ न कुछ निशान ज़रूर होगा। हमें उस जगह की खुदाई करनी चाहिए…”
“पागल हो गई हो क्या?” आदित्य भड़क गया। “अभी-अभी एक औरत ने कहा कि वहाँ कुछ मत छेड़ो!”
लेकिन तान्या अड़ी रही। “शायद इसी में हमारे सवालों के जवाब छुपे हैं।”
आखिरकार, हम चारों ने मिलकर एक छोटी-सी कुदाली ली और दोपहर ढलते ही पीपल के पेड़ के नीचे खुदाई शुरू कर दी।
मिट्टी में कुछ अजीब सी गंध थी — सड़ी हुई लकड़ी और कुछ और… जैसे कुछ पुराना, मरा हुआ।
करीब 2 फीट खोदने के बाद… कुदाली किसी ठोस चीज़ से टकराई।
“ये क्या है?” निधि घबराकर पीछे हट गई।
मैंने मिट्टी को हाथ से हटाया — और एक पुराना, लोहे का संदूक निकला। ताले में जंग लगी थी, लेकिन उसे तोड़ना मुश्किल नहीं था।
जब हमने संदूक खोला… तो उसमें एक औरत की जली हुई लाल चूड़ियाँ, राख से सना घूंघट, और एक पुरानी डायरी मिली — अधजली।
“ये उसकी चीज़ें हैं,” तान्या फुसफुसाई।
मैंने डायरी उठाई — पन्ने टूट रहे थे, लेकिन उस पर अब भी कुछ लिखा था।
“मुझे गलत ठहराया गया… मैं चुड़ैल नहीं थी… मेरी चीख किसी ने नहीं सुनी… लेकिन अब सब सुनेंगे…”
डायरी के आखिरी पन्ने पर एक ताज़ा खरोंच जैसा निशान था — जैसे किसी ने हाल ही में उसे छुआ हो।
“ये डायरी… जली हुई थी, फिर भी लिखावट ताज़ा कैसे है?” आदित्य की आवाज़ काँपने लगी।
तभी… हवा एकदम थम गई। पेड़ की पत्तियाँ हिलनी बंद हो गईं।
और फिर — तान्या अचानक ज़ोर से चिल्लाई।
हमने देखा — उसके पैर किसी चीज़ ने पकड़ लिए थे… मिट्टी के अंदर से…!