🧓🏻 मैं कौन हूं?
मेरा नाम विशाल देशमुख है।
अब मेरी उम्र 70 साल हो चुकी है।
हड्डियाँ चटकती हैं, चेहरा झुर्रियों से लिपटा है। और सबसे बड़ी बात… मैं अंदर से मर चुका हूँ।
लेकिन दो साल पहले… मैं 32 साल का था।
सिर्फ दो साल में ऐसा क्या हुआ कि मैं 40 साल बूढ़ा हो गया?
गाँव में लोग मुझे “कुंवारा अभागा” कहते थे।
मेरे पिता ने जुए में ज़मीन हारी, फिर आत्महत्या कर ली।
शादी की उम्र निकल रही थी, और मुझे लगने लगा था —
“मैं कभी किसी लड़की को नहीं छू पाऊंगा।”
फिर मिली संध्या — गाँव की सबसे खूबसूरत लड़की।
जब मैंने उसे अपने दिल की बात बताई, वो हँसते हुए बोली:
“मैं तुझ जैसे भिखारी से शादी करूंगी? मेरे इतने भी बुरे दिन नहीं आए विशाल!”
उस दिन मेरे भीतर कुछ टूट गया।
🍷 शादी का निमंत्रण और ढाबे में वो रात – horror story in hindi

एक दोस्त की शादी में कोल्हापुर गया।
लौटते वक्त हम एक पुराने ढाबे पर रुके।
शराब की बोतलें खुलीं, दोस्त हँस-हँसकर पी रहे थे,
लेकिन मैं बस ख़ामोश बैठा था — टूटा, थका, और बेहद अकेला।
तभी मेरी नजर पड़ी — एक बूढ़े आदमी पर।
काली आंखों की जगह नीली आंखें, चेहरा जले हुए काठ जैसा।
वो एकटक मेरी ओर देखे जा रहा था… बिना पलक झपकाए।
मैंने नज़रें फेर लीं।
बाथरूम की ओर बढ़ा। लेकिन पीछे देखा तो —
वो बूढ़ा आदमी मेरे पीछे-पीछे आ रहा था।
🚪 बाथरूम में बंद, दरवाज़ा गायब
बाथरूम का दरवाज़ा मैंने बंद किया… लेकिन फिर देखा —
अब कोई दरवाज़ा था ही नहीं।
मैं पलटा… वो बूढ़ा आदमी मेरे सामने खड़ा था।
उसकी नीली आँखें मेरे चेहरे से चिपकी हुई थीं।
चेहरे पर कोई भाव नहीं… जैसे मुर्दा खड़ा हो।
“दरवाज़ा नहीं मिलेगा। क्योंकि अब से तू मेरे सामने है।”
“तेरा नाम विशाल है… तेरे पिता ने ज़मीन हारी और तू अब भी कुंवारा है… तू पूर्णिमा की रात पैदा हुआ है… और तू अब तक किसी स्त्री से नहीं मिला…”
मैं काँप गया।
उसने सब कुछ सही बताया। जैसे वो मेरी आत्मा पढ़ रहा हो।
“मैं तांत्रिक कालीनाथ हूँ…
और तेरी ज़िंदगी बदल सकता हूँ… अगर तू मुझसे एक सौदा करे।”
“तेरी किस्मत में एक यक्षिणी लिखी है — चंद्रलेखा।
दूध जैसे शरीर वाली… अप्सरा जैसी सुंदरता।
लेकिन वो एक राज़ है…
वो पूर्णिमा की रात झरने में नग्न स्नान करने आती है।”
“अगर तू उसे उस वक्त पा सका… और उसकी वासना बुझा सका…
तो तू अमीर बन जाएगा, जवान हो जाएगा… तुझे सब कुछ मिलेगा।”
“पर बदले में… तेरी आत्मा का एक टुकड़ा उसका होगा।
और मुझे चाहिए उसके बाल — सिर्फ एक गुच्छा…”
मैं चुप रहा।
“अगर तू न माने… तो मैं तेरी उम्र चुरा लूंगा।
देख ये बाल… ये तेरे हैं।”
उसने मेरी हथेली पर कुछ सफेद बाल रखे। मैं डर से काँप उठा।
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