भैरवपुर – एक श्रापित गाँव (Bhairavpur – The Cursed Village) – horror Story in hindi

Horror Story in Hindi उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बसा था एक गाँव — भैरवपुर। इतिहास में दर्ज नहीं, नक्शों में गुम। कहते हैं, वहाँ एक ऐसा श्राप है जिसे सुनकर भी रूह काँप जाती है। वहाँ कोई जाता नहीं, और जो जाता है… लौट कर नहीं आता।
भैरवपुर - एक श्रापित गाँव- Horror Story in hindi
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🎭 भाग 7: तांत्रिक का रहस्य

वह तांत्रिक — जो अंधकार की गहराई से उभरा था — एक बेजान, भयानक शक्ति की तरह प्रतीत हो रहा था। उसका चेहरा झुलसा हुआ था, पर उसकी आँखों में जलती अग्नि जैसे सीधे आत्मा को भेद रही थी।

मीरा पीछे हटने लगी, “ये… कौन है?”

“मैं वही हूँ… जिसे इस गाँव ने जलाया था…” तांत्रिक की आवाज़ गूंजने लगी, “पर मैं कभी मरा ही नहीं।”

आदित्य ने धीरे से पूछा, “क्या आप… भैरव हैं?”

उस तांत्रिक ने ज़ोर से हँसी भरी — एक भयावह हँसी जो पूरे मंदिर में गूंज गई। “भैरव… कोई एक नहीं है। भैरव एक शक्ति है… एक श्राप… और अब तुम उसका हिस्सा बन चुके हो।”

तभी रघु की आँखें खुलीं — लेकिन अब उनकी आँखों का रंग लाल था। वह कुछ बोल नहीं रहा था, बस तांत्रिक की ओर देखे जा रहा था… जैसे सम्मोहित हो चुका हो।

“रघु! क्या हुआ तुम्हें?” मीरा चिल्लाई।

तांत्रिक बोला, “एक गया… अब दो बाकी हैं।”

तभी मंदिर की छत से उलटे लटके शरीरों ने आँखें खोलीं। सबकी आँखें लाल थीं। वे अब धीरे-धीरे हिलने लगे — और एक-एक कर मंदिर के फ़र्श पर गिरने लगे।

“ये… क्या है?” आदित्य ने काँपते हुए कहा।

“ये हैं वो, जो गाँव को छोड़कर नहीं गए… श्राप उन्हें निगल गया… और अब तुम्हारी बारी है।”

मीरा ने कांपती आवाज़ में पूछा, “हम क्या चाहते हो?”

तांत्रिक की आवाज़ अब गूंजती हुई गंभीर हो गई — “मुक्ति… मेरी मुक्ति। और वह तभी मिलेगी… जब कोई मेरे स्थान पर यह श्राप लेगा।”

फिर उसने आगे बढ़ते हुए कहा — “कौन बनेगा अगला भैरव?”

तभी रघु तांत्रिक की ओर बढ़ा… बिना कोई शब्द कहे।

“नहीं रघु!” मीरा चिल्लाई।

पर बहुत देर हो चुकी थी।

रघु ने जैसे ही तांत्रिक का हाथ पकड़ा — उसके शरीर में आग सी लपटें उठीं… और उसका चेहरा बदलने लगा…

(जारी है…)

👁️ अगले भाग की झलक: क्या रघु अब भैरव बन चुका है? और क्या अब तांत्रिक का श्राप टूटेगा या फैल जाएगा?

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