एक पिता की तड़पती आत्मा | emotional story in hindi

जापान की सर्द रातों में एक पिता की आत्मा अपने बिछड़े बेटे से मिलने को तरसती है। क्रोध कैसे एक पूरे परिवार को निगल जाता है, इस भावनात्मक हॉरर कहानी में जानिए अंकित, साक्षी और उनके बेटे देव की मार्मिक और भयावह गाथा। क्या यह सिर्फ एक बुरा सपना था, या क्रोध का अंधापन वाकई एक चेतावनी?
Emotional Story in hindi
5
(2)

एक भयावह सत्य या एक बुरा सपना?

अंकित अचानक से उठा और फूट-फूट कर रोने लगा… उसकी साँसें तेज़ थीं, शरीर पसीने से भीगा हुआ था। तभी साक्षी भी उठती है जो बगल में सो रही थी और अंकित से पूछने लगी “क्या हुआ?” अंकित बस रोए जा रहा था… रोते हुए ही वह अपनी बीवी और बच्चे को देखता है। वे सब सही-सलामत थे… साक्षी सहमी हुई थी, देव गहरी नींद में सो रहा था। तभी साक्षी फिर पूछती है “क्या हुआ? कोई सपना देखा क्या???”

अंकित ने देव को अपनी बाहों में भर लिया, उसके छोटे से शरीर की गर्माहट महसूस की। उसने साक्षी को देखा, फिर अपने देव को। उसकी आँखों में अभी भी उस भयानक सपने का डर था, वह उस हकीकत और सपने के बीच का फ़र्क नहीं कर पा रहा था। क्या यह सिर्फ़ एक डरावना सपना था, या क्रोध का यह अंधापन वाकई उसके जीवन में ऐसी ही तबाही ला सकता है? क्या वह आत्मा से मिलने का अनुभव, बस एक चेतावनी थी, एक भयानक भविष्य का संकेत?

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *