दोस्तों, क्या आपको यकीन है कि मौत के बाद जिंदगी खत्म हो जाती है? आज मैं आपको एक ऐसी सच्ची डरावनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो हिमाचल प्रदेश के एक सुनसान पहाड़ी इलाके में स्थित कब्रिस्तान की है। यह कहानी आकाश और उसके दोस्तों के साथ घटी, जिन्होंने गलती से मौत को चुनौती दे दी थी। अगर आप Real Horror story in Hindi पढ़ने के शौकीन हैं, तो यह कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी!
यात्रा की शुरुआत: मस्ती और बेफिक्री
आकाश, राहुल और विवेक तीनों कॉलेज के दोस्त थे। हर साल की तरह इस बार भी उन्होंने गर्मियों की छुट्टियों में हिमाचल प्रदेश की ट्रिप प्लान की। उनका प्लान था कि वे शिमला से होते हुए चैल तक की बाइक राइड करेंगे।
लेकिन इस बार उनकी यात्रा डरावने अनुभव में बदलने वाली थी। आकाश को भूत-प्रेत में बिल्कुल भी यकीन नहीं था। वह अक्सर कहता था, “ये सब बकवास है! अगर कोई भूत होता तो मैं खुद उसे पकड़कर दिखाता!” लेकिन जल्द ही उसे अपने ही शब्दों पर पछताना पड़ने वाला था…
चैल रोड का रहस्यमय कब्रिस्तान
शाम के करीब 5 बजे, जब वे चैल से वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में उनकी नजर एक जंग लगे लोहे के गेट पर पड़ी। गेट के ऊपर एक पुराना बोर्ड लटका हुआ था, जिस पर अंग्रेजी में लिखा था—“ब्रिटिश सिमेट्री: 1895”।
राहुल ने बताया, “यहाँ एक बार भूस्खलन हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। कहते हैं कि इस कब्रिस्तान में उनकी आत्माएँ भटकती हैं।”
आकाश ने हँसते हुए कहा, “अरे यार, तू भी कितना डरपोक है! चलो, अंदर घूमकर आते हैं।”
कब्रिस्तान में प्रवेश: अंधेरे का साम्राज्य – REal Horror Story in hindi
जैसे ही वे अंदर घुसे, उन्हें लगा जैसे कोई उन्हें देख रहा है। हवा में एक अजीब-सी सड़ी हुई मिट्टी की गंध थी। कुछ कब्रों पर फूल रखे हुए थे, लेकिन वे सूखकर काली पड़ चुके थे, मानो कोई उन्हें रोज तोड़कर रखता हो।
विवेक ने एक पत्थर की कब्र को हाथ लगाया, तभी उसे लगा जैसे कोई उसकी कलाई पकड़ ले। वह चिल्लाया, “यहाँ कोई है!” लेकिन जब उसने देखा, तो वहाँ कोई नहीं था।
आकाश ने मजाक उड़ाते हुए कहा, “अरे डर गया क्या?” और उसने एक कब्र पर पैर रखकर सेल्फी ले ली।
तभी अचानक एक ठंडी हवा का झोंका आया और उनके आसपास की हवा बर्फ जैसी ठंडी हो गई।
शरीर में प्रेतों का प्रवेश: दर्द और पीड़ा

जैसे ही वे कब्रिस्तान से बाहर निकले, उन्हें अजीब सी थकान महसूस होने लगी। आकाश के सिर में तेज दर्द उठा, मानो कोई उसकी खोपड़ी को अंदर से खोद रहा हो। विवेक का शरीर काँपने लगा और राहुल को लगा कि उसकी साँसें धीरे-धीरे रुक रही हैं।
वे तीनों बेहोशी की हालत में होटल पहुँचे। कमरे में घुसते ही उन्हें लगा कि कोई और भी उनके साथ आया है…
दर्दनाक सपना या सच्चाई?
आकाश ने जैसे ही आँखें खोली, वह खुद को उसी कब्रिस्तान में पाया। उसके दोस्त भी वहीं थे, लेकिन उनकी आँखें पूरी तरह काली हो चुकी थीं।
तभी उसकी नजर एक कब्र पर पड़ी—उस पर उसका अपना नाम लिखा था! बगल में राहुल और विवेक की कब्रें भी थीं।
“ये क्या हो रहा है?!” आकाश चिल्लाया।
तभी राहुल का कटा हुआ सर उसके पैरों से टकराया। विवेक ने उसकी गर्दन पकड़कर हवा में उठा लिया…
होटल में वापसी: लेकिन क्या सब ठीक था?
आकाश ने जोर से चीख मारी—और अचानक उसकी आँखें खुल गईं। वह अभी भी होटल के कमरे में था। लेकिन जब उसने अपने दोस्तों को अपना वही डरावना सपना सुनाया, तो वे दोनों भी सहम गए—“हमने भी यही सपना देखा है!”
सोनू का रहस्यमय उपाय: आत्माओं से मुक्ति
वे तीनों काँपते हुए होटल के रिसेप्शन पर पहुँचे। वहाँ खड़ा सोनू नाम का वेटर, जो पहाड़ी रहस्यों से वाकिफ था, उनकी हालत देखकर समझ गया—“तुम लोगों ने कब्रिस्तान की आत्माओं को नाराज कर दिया है। अब वे तुम्हारा पीछा करेंगी।”
सोनू ने उन्हें एक टोटका बताया:
- तीनों को गोल घेरे में बैठना था।
- मंत्र पढ़ते हुए आत्माओं से माफी माँगनी थी।
जैसे ही उन्होंने मंत्र पढ़ना शुरू किया, काले साये उनके चारों ओर घूमने लगे। लेकिन धीरे-धीरे वे गायब हो गए…
क्या वाकई सब कुछ खत्म हो गया?
अगली सुबह उनका बुखार और दर्द गायब हो चुका था। लेकिन क्या वे वास्तव में सुरक्षित थे?
कभी-कभी रात में आकाश को किसी के साँस लेने की आवाज सुनाई देती है। विवेक को अक्सर लगता है कि कोई उसे देख रहा है। और राहुल अब कभी शीशे में अपनी परछाईं नहीं देखता…
क्या वे आत्माएँ अभी भी उनके साथ हैं?
निष्कर्ष: एक चेतावनी – REal Horror Story in hindi
दोस्तों, अगर आप कभी किसी ऐसी रहस्यमयी जगह पर जाएँ, तो वहाँ के नियमों का सम्मान करें। क्योंकि कभी-कभी मौत के बाद भी आत्माएँ जिंदा रहती हैं…
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