वासना का भयानक खेल: नेह का दर्द और विकास की हैवानियत
रात हो चुकी थी, विकास घर आया। उसने नेहा से कहा, “खाना परोसो।” नेहा और विकास खाना खा रहे थे, तभी कर्ण पिशाचिनी ने विकास के कान में कुछ कहा। उसकी फुसफुसाहट ने विकास के शरीर में एक अजीब सी आग लगा दी। विकास खाने की थाली वैसे ही छोड़कर घर के बाहर निकल गया और थोड़ी देर में फिर से घर आया, तो उसके हाथ में दारू की बोतल और कुछ खाने का सामान था। उसने लाया हुआ सामान खोला, तो उसमें चिकन था, मुर्गी की बड़ी-बड़ी लेग पीस। खाते हुए वह दारू पीने लगा। यह सारा नजारा नेहा अचंभित होकर देख रही थी। नेहा ने विकास से कहा, “आपने दारू पीना कब से शुरू किया? और इस तरह से खा रहे हो जैसे कोई जानवर खाता है।” उसकी बात सुनकर विकास उठा, उसने नेहा को जोर से थप्पड़ मारा और कहा, “तू मुझे किसी चीज के लिए नहीं रोकेगी! और रोका तो तेरा यही हाल करूंगा मैं। एक और बात, आज से तू दूसरे कमरे में सोएगी।” दीवार के पास पड़ी नेहा यह सब कुछ देखकर रोने लग जाती है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसका पति इतनी जल्दी कैसे बदल गया। यह हॉरर एरोज़िक स्टोरी इन हिंदी आपको हिला देगी।

सुबह हो गई थी। कल विकास ने बंगले के सामने जाकर जिनको चेतावनी दी थी, उसकी पत्नी ने अपने पति से कहा, “अजी सुनते हो, जल्दी से आओ यह न्यूज़ देखो।” दोनों सोफे पर बैठकर न्यूज़ देख रहे होते हैं – “भारत का यात्री प्लेन हुआ क्रैश, अब तक 30 लोगों की लाशें हुई बरामद।” दोनों यह न्यूज़ देखकर चौंक जाते हैं और विकास के घर का पता लगाने के लिए गार्ड को भेजते हैं।
विकास तैयारी करके अपने सोफे पर बैठा था, तभी वह दंपति विकास के घर पर आते हैं। “आखिर! आखिर आप मुझे मिल ही गए! आपने मेरी और मेरी पत्नी की जान बचाई। मैं सदा आपका आभारी रहूंगा। मैं नहीं जानता था सच कि आप इतने बड़े ज्ञानी हो।” विकास उनकी तरफ देखकर कहता है, “मैं सब जानता हूँ। क्या हो रहा है, क्या होने वाला है।”
विकास ने घर से मंदिर हटवा दिया था। इसी बात पर नेहा और विकास का झगड़ा हुआ, लेकिन अहंकार में चूर विकास अब किसी की नहीं सुनता था। अब लोग विकास को अंतर्यामी बाबा के रूप में जानने लगे थे। कुछ ही महीनों में विकास शिंदे का नाम दूर-दूर तक फैल गया। सैकड़ों लोग अपना भविष्य जानने उसके पास आने लगे। उसने बहुत बड़ा घर लिया था, उसके पास सब कुछ था। अब वह टैक्सी ड्राइवर नहीं था, वह एक बहुत बड़ा आदमी बन चुका था। और उसकी वजह से विकास पर बुरा असर भी पड़ रहा था, जहाँ बड़ी-बड़ी हस्तियाँ अपने प्रश्न लेकर उसके पास आते थे और इसके बदले वे लोग विकास को बहुत सारा पैसा देने लगे। विकास के पास सब कुछ था, और उसी की वजह से अहंकार ने उसे जकड़ लिया था।
लोग दरबार में विकास के आने का इंतजार कर रहे थे। थोड़ी देर में विकास भी दरबार में पहुँचा। तभी एक बड़े घर का लड़का आगे आकर उसने विकास से पूछा, “बाबा, मेरी गर्लफ्रेंड है पराजकता नाम है उसका, और मैं अपनी जान से भी ज्यादा उसे प्यार करता हूँ, लेकिन वो आजकल मुझसे दूर भागती रहती है, मेरे फोन का भी जवाब नहीं देती।” विकास ने उसे हाथ से इशारा करते हुए रुकने के लिए कहा और आँखें बंद कर लीं। जैसे ही विकास ने अपनी आँखें बंद कर लीं, कर्ण पिशाचिनी उसके कान में कुछ फुसफुसाई, उसकी आवाज में एक अजीब सी कामुकता थी, जो विकास के रोंगटे खड़े कर रही थी, और विकास ने उस आदमी से कहा, “तुम उससे जान से ज्यादा प्यार करते हो तो यह निकिता के साथ क्या करते हो? दो-दो गर्लफ्रेंड! जिंदगी के मजे ले रहे हो?” यह सुनते ही उस लड़के के होश उड़ गए। उसने विकास से पूछा, “बाबा, यह आपको कैसे पता?” विकास ने गर्व से कहा, “मुझे सब पता है। अंतर्यामी हूँ मैं। दौलत के लिए उससे प्यार करता है ना? चिंता मत कर, वह जल्द ही मरने वाली है और उसके नाम पर जो प्रॉपर्टी है, वह तेरे नाम हो जाएगी। लेकिन हाँ, उसका आधा हिस्सा मेरी दान पेटी में डालना मत भूलना।” अपनी बात को जारी रखते हुए विकास ने मौजूद लोगों से कहा, “सब घर जाओ यहाँ से, अब कल आना।”
कर्ण पिशाचिनी का क्रोध: वासना का अंतिम भुगतान
तभी उसके बाजू में खड़ी कर्ण पिशाचिनी विकास के कान में कुछ कहने लगी, उसकी आवाज में एक अजीब सी नाराजगी थी। विकास ने घमंड में आकर उसे रोका। जैसे ही विकास ने उसे रोका, कर्ण पिशाचिनी अपने असली भयानक रूप में आई और उसने विकास को कहा, “मैंने तुम वचन मांगा था, तुम कभी मुझे अनसुना नहीं करोगे। तूने वचन तोड़ा है। इसका परिणाम तुझे भुगतना पड़ेगा।” इतना कहकर वह जोर-जोर से विकास के कानों में हँसने लगी और चीखने-चिल्लाने लगी। उसकी आवाज इतनी भयानक थी कि विकास का दिल कांप गया। विकास ने अपने कान बंद कर दिए, लेकिन उसकी हँसी की आवाज इतनी जोर-जोर से विकास को आ रही थी कि विकास के कानों से खून निकलने लगा और वह वहीं बेहोश होकर नीचे गिर गया।
नेहा, विकास की पत्नी, उसे कर्ण पिशाचिनी के बारे में अंदाजा हो गया था। उसने उसी अघोरी बाबा को अपने घर में बुलाया जिससे विकास ने सिद्धि प्राप्त की थी। उस अघोरी ने नेहा से कहा, “बेटी, तेरे पति को बहुत ज्यादा पैसा बहुत जल्दी कमाना था। अब बुलाओ उसे।” अघोरी विकास को बेड पर खड़ा देखता है और उसे कहता है, “क्यों बच्चा, कहाँ गई तेरी हिम्मत? और पैसा चाहिए?” विकास अघोरी के पैर में गिर जाता है और उसे कहता है, “बाबा, नहीं चाहिए मुझे धन-दौलत। मुझे इस पिशाचिनी से मुक्त करवा दो। अब मैं किसी चीज के लिए लालच नहीं करूंगा कभी भी।”
अघोरी फिर हवन की तैयारी शुरू करता है। जमीन पर एक रिंग जैसा यंत्र बनाता है। नेहा और विकास को उसके बीच बिठाकर कहता है, “ध्यान से सुनना। जब तक हवन पूरा नहीं होता, तुम किसी भी हाल में इस यंत्र से बाहर मत निकलना।” हवन शुरू होते ही कर्ण पिशाचिनी वहाँ पर आ जाती है और विकास को डराने की कोशिश करते हुए बोलती है, “कुछ भी कर ले, तू प्यासा ही रहेगा।” उसका वो भयानक रूप और आवाज सुनकर विकास और नेहा थरथरा लगे, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए, हवन पूरा होने तक वहाँ से नहीं उठेंगे।
लेकिन तभी उन्हें उनका बच्चा, नेहा ने जिसे अपने मायके में भेजा था, वह रोता हुआ उन्हें दरवाजे के पास खड़ा दिखा, जो उन्हें पुकार रहा था, “मम्मी! पापा! प्लीज मुझे बचाओ! यह मुझे नहीं छोड़ेगी!” उसकी आवाज को सुनकर दोनों का दिल पिघल गया। वे उसे लेने जा ही रहे थे, तभी अघोरी ने हवन की राख पूरे कमरे में फूंक दी और वह बच्चा कर्ण पिशाचिनी में बदल गया। उसके चीखने और रोने की आवाज आने लगी। वह आग में जलने लगी। थोड़ी ही देर में वह भस्म हो गई और अघोरी ने कहा, “बेटा, तुम अभी मुक्त हो। हम तो अघोरी हैं, हमें भगवान भोलेनाथ की भक्ति के अलावा किसी चीज का लोभ नहीं, लेकिन तुम साधारण लोग लालच और लोभ में इतने डूब जाते हो कि आगे-पीछे का कुछ नहीं सोचते। अब भगवान की घर में स्थापना करना और भक्ति-भाव से पूजा करके जो तुमने किया, उसकी माफी मांगना।” इतना कहकर अघोरी निकल जाता है।
यह सच्ची घटना हमें सिखाती है कि लालच और वासना किस हद तक इंसान को शैतान बना सकती है। क्या आप अब भी रात में अकेले सोने की हिम्मत करेंगे? अपनी अगली भूतिया कहानी में मिलते हैं।