पिशाचिनी की कोख: भाग 2 – काला जंगल और लाल औरत | Hindi Horror Story
तभी डोरबेल फिर बजी। रोहन का दिल ज़ोर से धड़का। मानो उसमें हिम्मत ही नहीं थी कि वह दरवाज़ा खोले। कहीं वो तो नहीं आ गई? वह धीमे कदमों से दरवाज़े की ओर बढ़ा। बहुत हिम्मत करके उसने दरवाज़ा खोला, तो सामने उसका दोस्त विक्रम खड़ा था, जो बारिश में पूरी तरह भीग चुका था।
“यार! मैं तुझे कब से फ़ोन कर रहा हूँ। तू एक भी कॉल नहीं उठा रहा। देख मैं पूरा भीग गया हूँ,” विक्रम की बात का रोहन ने कोई जवाब नहीं दिया। वह बस डरा-सहमा अपनी सोच में खोया हुआ था। दोनों घर के अंदर आए। तभी विक्रम की नज़र उस बच्चे पर पड़ी। “यह छोटा बच्चा किसका है? और तू इतना घबराया हुआ क्यों लग रहा है भाई?”
रोहन ने डरते हुए कहा, “यह मेरी वो भूल है जो मैंने एक साल पहले की थी…”
एक साल पहले रोहन अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में देहरादून गया था। वहाँ से लौटते वक्त भारी बारिश हो रही थी। काले बादलों की वजह से जंगल के हाईवे पर अँधेरा छाया हुआ था। तभी अचानक कुछ गाड़ी के सामने आया। एक जोरदार टक्कर हुई और गाड़ी का शीशा खून से भर गया। वह डरते हुए गाड़ी से उतरा।
सामने सड़क पर एक काली साड़ी में भीगी हुई औरत खून से लथपथ पड़ी थी। वह दर्द से कराह रही थी। रोहन उसके पास गया। “मुझे माफ़ कर दीजिए। बारिश इतनी तेज़ थी कि मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया। आप घबराइए मत, मैं आपको अस्पताल ले चलूँगा।”
उस औरत ने मुश्किल से अपनी आँखें खोली और धीमी, डरावनी आवाज़ में बोली, “मेरे पास समय नहीं है… तू मुझे नहीं बचा सकता… मेरा घर जंगल के अंदर उत्तर दिशा में है… मुझे वहाँ ले चल… मेरी बेटी अकेली है… उसका मेरे सिवा इस दुनिया में कोई नहीं है। Hindi Horror Story
तभी उस औरत ने रोहन का हाथ कसकर पकड़ा, उसकी ठंडी उँगलियाँ रोहन के दिल में सिहरन पैदा कर गईं, और वह वहीं पर दम तोड़ गई। रोहन ने देखा दूर एक घर की धुँधली सी आकृति दिखी। “यह तो वही घर है जिसका ज़िक्र उस औरत ने किया था।”
रोहन उस घर की तरफ बढ़ा। दरवाज़े पर आवाज़ लगाई। “कोई है? कृपया दरवाज़ा खोलिए।” कुछ देर बाद दरवाज़ा खुला। सामने एक बहुत खूबसूरत लड़की थी, जो किसी यक्षिणी से कम नहीं थी। उसकी आँखें गहरी, होंठ गुलाबी और कमर तक लंबे काले बाल थे।