[Real Horror Story]अधूरी आत्मा: सरकारी क्वार्टर की खौफनाक रातें

असम के एक क्वार्टर में घटी Real Horror Story in Hindi — रहस्यमयी घटनाएं, एक आत्मा और एक रात जिसने सब कुछ बदल दिया।
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🩸 भाग 1: सिवसनगर का कच्चा घर

1994 की बात है। एक छोटा सा परिवार — नाना, नानी, माँ (जो उस समय 13 साल की थीं), मामा (6 साल के), और माँ के चाचा — असम पुलिस में तैनात नाना की नौकरी की वजह से बार-बार ट्रांसफर होते रहते थे। इस बार उन्हें सिवसनगर नाम के कस्बे में सरकारी क्वार्टर अलॉट हुआ था। एक हफ्ते के अंदर उन्हें शिफ्ट होना था, इसलिए सब कुछ जल्दी-जल्दी पैक कर लिया गया।

जब परिवार सिवसनगर पहुँचा तो रात के 9 बज चुके थे। वहाँ पहुँचने पर उन्हें बताया गया कि जो क्वार्टर उन्हें मिला था, वह अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। मजबूरी में, उन्हें पास ही बने एक पुराने और कच्चे क्वार्टर में कुछ दिन रहने के लिए कहा गया — एक मिट्टी और बांस से बना घर, जिसमें न बिजली थी और न कोई सुविधा।

थकावट के कारण सबने जैसे-तैसे बिस्तर बिछाया और सोने चले गए।

रात के करीब दो बजे, क्रिस्टी की नानी की नींद खुली। उन्हें वॉशरूम जाना था, जो घर के बाहर था। उन्होंने माँ के चाचा को जगाने की कोशिश की, पर वो गहरी नींद में थे। मजबूरी में, नानी अकेले ही बाहर निकल गईं।

आम के पेड़ के नीचे चाँदनी का अजीब सा असर पड़ रहा था, मानो कोई इंसान खड़ा हो। नानी ने जल्दी से वॉशरूम इस्तेमाल किया और वापस अंदर चली आईं। लेकिन जैसे ही वह लेटीं, उन्हें अचानक बहुत गर्मी महसूस होने लगी — इतनी कि उन्होंने बिस्तर का ओर हिस्सा पकड़ लिया।

उन्हें झपकी लगी ही थी कि अचानक एक तेज़ धमाके जैसी आवाज़ आई — जैसे कोई भारी चीज़ ज़मीन पर गिरी हो।

नानी घबरा गईं और नाना को जगाया। नाना ने कहा, “शायद कोई बिल्ली कुछ गिरा गई होगी, सो जाओ।” लेकिन यह सिर्फ़ शुरुआत थी…

10 मिनट भी नहीं हुए थे कि वही आवाज़ फिर से आई — इस बार इतनी ज़ोरदार कि घर के सारे सदस्य उठ गए।

नाना और चाचा टॉर्च लेकर बाहर निकले, चारों ओर देखा… लेकिन न कोई इंसान, न कोई गिरा हुआ सामान। बाहर सन्नाटा था — डरावना और भारी।

जब सब अंदर लौटे, तो कुछ देर बाद हर ओर फिर से शांति छा गई।

लेकिन तब… धीरे-धीरे, घास पर किसी के चप्पल पहनकर चलने की आवाज़ आने लगी।

और उसके बाद… किसी औरत के सैंडल की ठक-ठक, जो बरामदे में गूंज रही थी…

क्रिस्टी की माँ और मामा डर के मारे कांपने लगे। और उधर नानी — जो अब तक शांत दिख रही थीं — पहली बार घबरा गईं।

और तभी, खिड़की से एक परछाई कमरे में झाँकने लगी…

[Real Horror Story keअगले भाग में जारी रहेगा — क्या वो परछाई किसी आत्मा की थी? या कुछ और? जानने के लिए पढ़ें Next Page 2…]

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