शमशान के पीछे जो दिखा – सच्ची Erotic Horror Story in hindi | Real Haunted India

चमरौली गाँव की एक रहस्यमयी औरत, अधूरी वासना और एक शापित कुएँ की erotic horror story in hindi कहानी जो सच्ची घटना पर आधारित है। पढ़ें, पर अकेले नहीं।
Erotic Horror Story in hindi
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सच्चाई की पहली दरार

Erotic Horror Story in hindi
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सुबह जब मेरी नींद खुली, मैं अकेला था। मेरे गले पर नीले निशान थे – जैसे किसी ने हल्के से दबाया हो। मैंने सोचा कोई सपना रहा होगा, लेकिन मेरी टीशर्ट पर राख के निशान थे। और मेरा कैमरा ज़मीन पर पड़ा था।

शाम को गाँव के कुएँ के पास रामबाई मिली – एक 60-65 साल की बुज़ुर्ग औरत, जो सबकी नज़र में “पगली” थी।

उसने मुझे देखा और बिना कुछ पूछे बोली:

“अब तू बचा नहीं है बेटा। वो तुझे चुन चुकी है।”

मैं हँसा, पर उसकी आँखें सीधी मेरी आत्मा में झाँकती लगीं।

“तेरी देह की गर्मी चाहिए उसे… तुझसे नहीं, तेरे जीवन से प्यार है उसे।”


धीरे-धीरे उसका आना – Erotic Horror Story in hindi

अब हर रात वो मेरे पास आती। कभी सपने में, कभी असल में — मुझे फर्क करना बंद हो गया था।

वो मेरी कमीज़ उतारती, अपनी उंगलियाँ मेरी छाती पर फेरती, और हर बार हमारे बीच वो अंतरंगता होती जो स्वप्न और सच के बीच झूलती है।

लेकिन हर बार एक चीज़ बदलती: उसकी त्वचा पर जले हुए घाव दिखते। एक रात उसकी पीठ काली थी, दूसरी रात उसका पेट झुलसा हुआ।

फिर एक रात, उसने जब मेरी गर्दन पर होंठ रखे… मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी आत्मा शरीर छोड़ने लगी हो।


वो रात जो कभी ख़त्म नहीं हुई

उस रात मैं खुद गया शमशान के पीछे।

मैं जानना चाहता था कौन है वो, क्यों मेरा पीछा कर रही है। लेकिन शायद… अंदर कहीं मैं खुद उसे चाहता था।

कुएँ के पास पहुँचा तो हवा भारी थी। पेड़ों के पत्ते भी खामोश थे।

और वो वहाँ खड़ी थी।

इस बार उसका चेहरा साफ़ दिखा — सुंदर, मोहक, और घावों से भरा। उसके होंठों पर मुस्कान थी।

“अब भाग नहीं सकता तू…”

उसने मुझे अपनी ओर खींचा। मैं विरोध नहीं कर पाया।

वो मुझे ज़मीन पर ले गई। उसके होंठ मेरी गर्दन से होते हुए छाती तक आए। उसका स्पर्श अब गर्म था — कामुक, जिंदा… पर उसमें एक डर था। ऐसा डर, जिसे मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया।

जैसे ही हम एक हो रहे थे, मुझे सुनाई दिया — कई औरतों की चीखें। और उस कुएँ के अंदर से आती रुलाई।

मैंने उसकी आँखों में देखा — वहाँ न वासना थी, न प्रेम… वहाँ हजारों आत्माओं का शोक था।


अगली सुबह

सुबह गाँव वालों को शमशान के पीछे एक अधजली बॉडी मिली। पहचानना मुश्किल था, पर पास में मेरा कैमरा पड़ा था। उसके लेंस पर एक चेहरा कैद था — अधजला, आँखें खुली हुईं… और होंठों पर मुस्कान।

रामबाई ने बस इतना कहा:

“एक और… उसी कुएँ का हिस्सा बन गया।”


आज भी…

अगर आप कभी चमरौली जाएं, और रात में कुएँ के पास से गुज़रें, तो कोई धीमी सी आवाज़ आपको पुकारेगी —

“तेरा इंतज़ार था…”

और अगर आप रुक गए… तो शायद, अगली सुबह आपके कपड़े, राख में मिले मिलेंगे।

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