एक विधवा का रहस्य – Horror Story in Hindi

डर और रहस्य से भरी यह real horror story in Hindi आपको एक रहस्यमयी विधवा के खौफनाक सच से रूबरू कराएगी। सच्ची घटनाओं से प्रेरित, पढ़िए एक गाँव की डरावनी कहानी।
real horror story in hindi
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भाग 4: पुरानी परछाइयाँ – bhutiya kahani

झोंपड़ी में अँधेरा घना हो चुका था।

हम सब एक कोने में सिमटे हुए थे, कोई कुछ बोल नहीं रहा था। तस्वीरों ने जैसे हमारी ज़ुबानें बंद कर दी थीं। हर किसी के मन में एक ही सवाल घूम रहा था — हमारी तस्वीरें उस जगह पर पहले से कैसे थीं?

“हो सकता है ये कोई मज़ाक हो,” आदित्य ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ भी काँप रही थी।

“कौन करेगा इतना अजीब मज़ाक?” निधि बोली, “और यहाँ… इस वीरान गाँव में?”

मैं तस्वीरों को दोबारा देखने लगा। एक तस्वीर के पीछे कुछ लिखा था — हल्की, धुंधली स्याही में।

“जो लौटे, वो फिर कभी पहले जैसे नहीं रहे…”

“देखो ये क्या लिखा है,” मैंने सबको दिखाया।

तान्या फुसफुसाई, “इसका मतलब क्या है?”

कोई जवाब नहीं था। तभी बाहर कुछ सरसराहट की आवाज़ आई। जैसे कोई सूखे पत्तों पर धीरे-धीरे चल रहा हो।

हम सब चुप हो गए। सांसों की आवाज़ भी सुनाई देने लगी।

मैंने धीमे से झोंपड़ी का दरवाज़ा खोला और बाहर झाँका।

पीपल के पेड़ के नीचे कोई खड़ा था।

एक धुँधला सा साया — न ज़्यादा लंबा, न छोटा, बस एक परछाई जैसा।

“वो… वहाँ कोई है,” मैंने धीरे से कहा।

“क्या?” रोहित मेरी तरफ दौड़ा। जब उसने भी देखा, तो उसकी आँखें फैल गईं।

साया धीरे-धीरे झोंपड़ी की ओर बढ़ने लगा।

“दरवाज़ा बंद करो!” निधि चीखी।

मैंने झट से दरवाज़ा बंद किया और लकड़ी की पट्टी अटका दी।

कुछ पल बाद… बाहर दस्तक हुई।

धीमी… भारी… लगातार।

ठक… ठक… ठक…

फिर एक और दस्तक… फिर एक और…

तान्या की आँखों से आँसू बहने लगे। “ये क्या हो रहा है?”

मैं कुछ बोलने ही वाला था कि दरवाज़े के नीचे से एक काग़ज़ अंदर सरकाया गया।

मैंने कांपते हाथों से उसे उठाया।

उस पर सिर्फ दो शब्द लिखे थे —

“वापस जाओ”

Aage ki Desi Kahani Next Page 5 par

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