भाग 6: बूढ़ी औरत की चेतावनी – Real Ghost story
वो औरत अब भी वहीं बैठी थी — पीपल के नीचे, लाल साड़ी में लिपटी, चुपचाप गा रही थी। उसकी आवाज़ में न कोई भाव था, न खुशी, न दुख… बस एक अजीब सी ठंडक।
“हम वहाँ नहीं जा सकते,” तान्या ने कहा, “कोई बात तो है उस औरत में…”
लेकिन मैं कुछ सोच रहा था। “क्या हो अगर यही हमारे सवालों का जवाब हो?”
हम चारों धीमे-धीमे उसकी ओर बढ़े — पेड़ों के पीछे छुपते, एक-दूसरे के कंधों से चिपके हुए।
लेकिन जैसे ही हम करीब पहुँचे… वो गायब हो गई।
हाँ, पीपल के नीचे अब कोई नहीं था। सिर्फ धूप जली हुई राख और कुछ मुरझाए फूल बिखरे थे — जैसे किसी ने वहाँ कुछ पूजा हो, बहुत सालों पहले।
“ये सब क्या है?” आदित्य फुसफुसाया।
तभी हमारे पीछे से किसी ने कहा —
“तुम लोगों ने उसे देख लिया… अब बच नहीं पाओगे।”
हमने पलटकर देखा — एक बुज़ुर्ग महिला, झुकी कमर, काँपते हाथ, और आंखों में अजीब सी चमक।
“आप कौन हैं?” मैंने पूछा।
वो औरत धीरे से बोली, “तुम लोग बाहर से आए हो… लेकिन ये जगह अब तुम्हें जाने नहीं देगी।”
“क्यों? क्या हुआ है इस गाँव में?” निधि ने हिम्मत करके पूछा।
बुज़ुर्ग औरत ने इधर-उधर देखा, फिर बहुत धीमे स्वर में बोली —
“सालों पहले… कुछ ऐसा हुआ था, जिसे भुला दिया गया… लेकिन ज़मीन नहीं भूलती… जंगल नहीं भूलते…”
“क्या हुआ था?” मैंने दोबारा पूछा।
उसकी आवाज़ काँपने लगी —
“उस पीपल के नीचे एक औरत को ज़िंदा जलाया गया था… गाँव वालों ने कहा कि वो चुड़ैल है। लेकिन वो औरत… सच में कौन थी? किसी को नहीं पता।”
“और उसके बाद?” तान्या की आवाज़ भर्रा गई।
बुज़ुर्ग औरत ने कहा —
“उस दिन से… जब भी कोई अनजान इस गाँव में रात बिताता है… वो औरत लौट आती है। और हर बार… कोई न कोई गायब हो जाता है।”
हम सबके रोंगटे खड़े हो गए।
“मत ढूँढो उसे,” वो औरत बोली, “वरना अगली बारी तुम लोगों की होगी…”