भाग 4: अंतिम सदमा और एक शैतानी गर्भ
कुछ हफ्तों बाद, जारा ने महसूस किया कि उसके शरीर में अजीब बदलाव हो रहे हैं। उसका वजन तेजी से बढ़ने लगा। उसे बार-बार उल्टियाँ होने लगीं और उसके पेट में एक ऐसा दर्द उठता, जैसे कोई नुकीला छुरा अंदर घुमाया जा रहा हो।
शुरू में सबने सोचा कि शायद वह बीमार है या उसने कुछ गलत खा लिया है। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते, उसका पेट असामान्य रूप से फूलने लगा। दर्द इतना बढ़ गया कि एक शाम वह बेहोश होकर गिर पड़ी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों ने जांच-पड़ताल की। जब रिपोर्ट आई, तो डॉक्टर का चेहरा सफेद पड़ गया। वह हैरानी से रहीम चाचा की तरफ देखने लगा।
“क्या हुआ डॉक्टर साहब? सब ठीक तो है ना?” रहीम चाचा ने पूछा।
“रिपोर्ट्स के मुताबिक… जारा गर्भवती है,” डॉक्टर ने धीरे से कहा।
यह सुनते ही अम्मी चीख पड़ीं, “यह कैसे हो सकता है? आप प्लीज ठीक से चेक करिए! यह नामुमकिन है!”
“मैडम, मामला सिर्फ गर्भ का नहीं है,” डॉक्टर ने डरते हुए कहा। “जो बात हमें सबसे ज्यादा हैरान कर रही है, वह है भ्रूण की असामान्य और तेजी से हो रही वृद्धि। यह पूरी तरह से प्रकृति के नियमों के खिलाफ है। ऐसा कभी नहीं देखा गया।”
रहीम चाचा के मन में एक भयानक शंका ने जन्म लिया। उन्हें तुरंत मौलवी साहब की याद आई। लेकिन उनका फोन बंद मिल रहा था। बेचैन होकर वह सीधे मस्जिद पहुंचे।
वहाँ पहुँचकर उन्होंने एक सदमे में डालने वाली खबर सुनी। मस्जिद के एक व्यक्ति ने बताया, “कुछ दिन पहले ही मौलवी साहब का एक कार एक्सीडेंट में इंतकाल हो गया है।”
“क्या? यह कैसे?” रहीम चाचा की आवाज़ कांप उठी।
“वह किसी काम से पुराने कब्रिस्तान जा रहे थे। रास्ते में उनकी कार एक ट्रक से टकरा गई।”
रहीम चाचा का दिल जोरों से धड़कने लगा। “क्या… क्या एक्सीडेंट वाली जगह पर कोई बोतल मिली थी?”
“हाँ, एक टूटी हुई बोतल पड़ी थी। शायद एक्सीडेंट में टूट गई होगी।”
यह सुनते ही रहीम चाचा के पैरों तले की जमीन खिसक गई। वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। अगर बोतल टूट गई थी, तो इसका मतलब साफ था। जारा के पेट में पल रहा वह असामान्य बच्चा… कोई इंसान नहीं, बल्कि वही शैतानी जिन्न था, जो एक नए रूप में इस दुनिया में आने की तैयारी कर रहा था।
…अब क्या होगा? क्या जारा एक शैतानी संतान को जन्म देगी? क्या कोई उस जिन्न को रोक पाएगा? इसका अंत कैसे होगा?