रात की चीख: हाईवे पर एक अनसुना खौफ़ | Real Horror Story in Hindi

आधी रात का वो हाईवे, जहाँ सिर्फ़ मेरी गाड़ी की आवाज़ थी... फिर अचानक एक चीख़! वो रात मेरी ज़िंदगी की सबसे भयानक रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी बन गई। मुझे नहीं पता वो कौन था, पर उसकी यादें आज भी मेरा पीछा करती हैं।
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यह कहानी रामू काका की है, जिनसे मैं सालों पहले एक ढाबे पर मिला था। वो पेशे से ट्रक ड्राइवर थे और अपनी ज़िंदगी का ज़्यादातर हिस्सा सड़कों पर ही गुज़ारा था। उन्होंने मुझे कई कहानियाँ सुनाई थीं, पर एक कहानी ऐसी थी जिसे सुनकर मेरी रूह काँप गई थी। रामू काका ने कसम खाई थी कि यह उनके साथ हुई एक सच्ची घटना है, और आज भी वो उस रात को याद करके सिहर उठते हैं। उन्होंने बताया कि उस घटना के बाद उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई। यह एक Real Horror Story in Hindi है, जो आपको हाईवे पर गाड़ी चलाते हुए हर परछाई पर शक करने को मजबूर कर देगी।

आधी रात का सन्नाटा: एक आम सफ़र

बात आज से करीब 15 साल पहले की है, जब रामू काका एक लंबी दूरी की ट्रिप पर थे। उन्हें पंजाब से सामान लेकर दिल्ली जाना था। रात का वक़्त था, और हाईवे बिल्कुल शांत था। चारों तरफ़ घना अँधेरा, और सिर्फ़ उनकी ट्रक की हेडलाइट्स ही रास्ता रौशन कर रही थीं। आसमान में चाँद भी बादलों के पीछे छिपा था, जिसकी वजह से अँधेरा और भी गहरा लग रहा था। रामू काका हमेशा रात में ड्राइव करना पसंद करते थे, उनका मानना था कि रात में सड़कें खाली मिलती हैं और मौसम भी ठंडा रहता है। उन्हें रात के सन्नाटे में गाने सुनना और दूर-दूर तक फैले खेतों को देखना बहुत पसंद था। उस रात भी सब कुछ सामान्य था। उन्होंने अपने पसंदीदा गाने लगाए हुए थे और आराम से गाड़ी चला रहे थे।

करीब 2 बज रहे होंगे, जब वे हरियाणा के एक सुनसान खिंचे हुए हाईवे से गुज़र रहे थे। उस रास्ते पर मील के पत्थरों के अलावा कोई और इंसान या इमारत नज़र नहीं आती थी। सिर्फ़ दूर-दूर तक फैले खेत और ऊँचे-ऊँचे पेड़ थे, जो अँधेरे में डरावनी परछाइयाँ बना रहे थे। रामू काका को हल्की सी थकान महसूस हुई, पर उन्हें लगा कि बस थोड़ी देर में एक बड़ा ढाबा आएगा जहाँ वे चाय पीने के लिए रुकेंगे।

तभी, अचानक, उन्हें अपनी ट्रक के ठीक सामने एक परछाई नज़र आई। पहले तो उन्हें लगा कोई जानवर होगा, पर जैसे ही उन्होंने अपनी गाड़ी की हेडलाइट्स तेज़ कीं, उनके होश उड़ गए। सड़क के बीचो-बीच एक औरत खड़ी थी!

हाईवे पर एक रहस्यमयी आकृति

वो औरत सफेद साड़ी में थी, उसके बाल खुले हुए थे और वह ट्रक की तरफ़ पीठ करके खड़ी थी। रामू काका ने तुरंत ब्रेक लगाए। ट्रक तेज़ी से सड़क पर घिसटती हुई रुकी, टायरों की चीख़ पूरे सन्नाटे में गूँज उठी। रामू काका का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। उन्हें समझ नहीं आया कि इतनी सुनसान जगह पर कोई औरत अकेली कैसे खड़ी हो सकती है। उन्हें लगा शायद कोई हादसा हुआ होगा, या कोई मदद माँग रहा होगा।

उन्होंने तुरंत गाड़ी रोकी और नीचे उतरे। अँधेरा इतना घना था कि उन्हें ठीक से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने अपनी टॉर्च निकाली और उस औरत की तरफ़ रोशनी की। जैसे ही टॉर्च की रोशनी उस पर पड़ी, वो औरत धीरे से मुड़ी। और जो रामू काका ने देखा, वो उनकी ज़िंदगी का सबसे भयानक दृश्य था।

उस औरत का चेहरा नहीं था! जहाँ चेहरा होना चाहिए था, वहाँ बस एक गहरा, काला शून्य था। उसकी आँखें नहीं थीं, नाक नहीं थी, होंठ नहीं थे। बस एक काली, गहरी जगह थी, जो रोशनी को सोख रही थी। रामू काका की रूह तक काँप गई। उनके हाथ से टॉर्च छूट गई। वो कुछ बोल भी नहीं पाए, उनके गले में आवाज़ अटक गई थी। वो औरत उनकी तरफ़ धीरे-धीरे, एक अजीब से लहराते हुए अंदाज़ में बढ़ने लगी। उसके कदम ज़मीन पर पड़ते नहीं दिख रहे थे, जैसे वो हवा में तैर रही हो। Real Horror Story in Hindi

रामू काका ने हिम्मत करके दो कदम पीछे लिए। उनके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था। वो बस भागना चाहते थे। लेकिन उनके पैर जैसे ज़मीन में गड़ गए थे। वो औरत उनके और करीब आती गई, और तभी रामू काका को महसूस हुआ कि उसके शरीर से एक अजीब सी, सड़ी हुई बदबू आ रही थी, जैसे कई दिनों से कोई लाश पड़ी हो।

“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?” उस औरत के “चेहरे” से एक आवाज़ निकली, जो आवाज़ नहीं, बल्कि एक डरावनी, सिसकती हुई फुसफुसाहट थी, जैसे हवा में दर्द तैर रहा हो। आवाज़ इतनी धीमी थी कि मुश्किल से सुनाई दे रही थी, पर रामू काका को लगा जैसे वो उनके दिमाग़ में गूँज रही हो।

रामू काका ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और अपनी ट्रक में वापस भागे। उन्होंने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और तेज़ी से गाड़ी स्टार्ट की। लेकिन ट्रक स्टार्ट नहीं हो रही थी! रामू काका काँप रहे थे। उन्होंने बार-बार चाबी घुमाई, पर इंजन ने कोई जवाब नहीं दिया। बाहर, वो औरत अब ट्रक के ठीक सामने खड़ी थी, उसका अदृश्य चेहरा विंडशील्ड से सटा हुआ था। रामू काका को लगा जैसे उसकी ठंडी, भयानक साँसें शीशे के आर-पार उनके चेहरे पर पड़ रही हों।

भयानक चीख और अनसुना पीछा | Real Horror Story in Hindi

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तभी, उस औरत ने अपनी काली, बेजान उंगलियों से विंडशील्ड को खटखटाना शुरू किया। ‘ठक… ठक… ठक…’ आवाज़ इतनी धीमी थी कि शायद ही कोई सुन पाता, पर रामू काका के लिए वो हथौड़े जैसी लग रही थी। उनकी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा था। उन्हें लगा कि आज उनकी मौत निश्चित है।

और तभी, उस औरत ने एक चीख़ निकाली। वो चीख़ इतनी भयानक थी कि रामू काका के कानों के परदे फटते-फटते बचे। वो चीख़ किसी इंसान की नहीं हो सकती थी। वो चीख़ ऐसी थी जैसे किसी ने सदियों से दर्द को दबा कर रखा हो, और अब वो एक ही पल में बाहर आ गया हो। चीख़ पूरे हाईवे पर गूँज उठी, पेड़ों के बीच से होते हुए दूर तक चली गई। रामू काका ने अपने कानों पर हाथ रख लिए, उनकी आँखें कसकर बंद थीं।

जब चीख़ रुकी, तो सन्नाटा और भी गहरा हो गया था। रामू काका ने धीरे से आँखें खोलीं। ट्रक स्टार्ट हो चुकी थी! उन्हें नहीं पता कैसे, पर इंजन चालू था। उन्होंने तुरंत फर्स्ट गियर लगाया और तेज़ी से गाड़ी भगाई। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, बस जितनी तेज़ी से हो सके, उस जगह से दूर जाना चाहते थे।

ट्रक तेज़ी से भाग रही थी। रामू काका की साँसें तेज़ चल रही थीं, उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा था। उन्हें लगा कि वे सुरक्षित हैं, पर तभी उन्होंने अपने साइड मिरर में कुछ देखा।

वही औरत! वो उनकी ट्रक के पीछे भाग रही थी! उसकी सफ़ेद साड़ी अँधेरे में हवा में लहरा रही थी, और वो इतनी तेज़ी से भाग रही थी कि कोई इंसान उतनी रफ़्तार से नहीं दौड़ सकता। रामू काका ने घबराकर एक्सीलरेटर पर और ज़ोर दिया। स्पीड बढ़ती गई, पर वो औरत भी उतनी ही तेज़ी से पीछा कर रही थी। उनकी गाड़ी की स्पीड 100 किमी/घंटा से ज़्यादा थी, पर वो परछाई उनकी गाड़ी से चिपककर चल रही थी।

रामू काका का डर अब पागलपन में बदल रहा था। उन्हें लगा जैसे वो कभी इस खौफ़ से आज़ाद नहीं हो पाएँगे। उन्होंने अपनी आँखें बंद करके भगवान का नाम जपना शुरू कर दिया। वो बस चाहते थे कि ये सब ख़त्म हो जाए।

हाईवे का मोड़ और एक अनसुलझा अंत

अचानक, हाईवे पर एक तेज़ मोड़ आया। रामू काका ने गाड़ी को मोड़ा, और जब उन्होंने फिर से साइड मिरर में देखा, तो वो औरत वहाँ नहीं थी। वो ग़ायब हो चुकी थी। रामू काका ने राहत की साँस ली। उन्होंने ट्रक को एक तरफ़ रोका, इंजन बंद किया और स्टीयरिंग व्हील पर अपना सिर टिकाकर रोने लगे। वो पूरी तरह से टूट चुके थे। उन्हें नहीं पता था कि ये सब क्या था, पर वो जान गए थे कि उन्होंने कुछ ऐसा देखा है जिसे विज्ञान या तर्क समझा नहीं सकता।

उन्होंने सूरज निकलने तक वहीं इंतज़ार किया। सुबह की पहली किरणें जब आसमान में फैलीं, तो उन्होंने देखा कि उनके ट्रक के साइड मिरर पर एक काला, गहरा निशान था, जैसे किसी ने अपनी काली उंगलियों से उसे छुआ हो। ये निशान रामू काका के मन में उस रात की भयानक याद को और गहरा कर गया।

रामू काका ने उस रात के बाद कभी भी उस हाईवे पर रात में गाड़ी नहीं चलाई। उन्होंने अपना रूट बदल दिया और अब भी जब वे उस रास्ते से गुज़रते हैं, तो उनकी गाड़ी की स्पीड धीमी हो जाती है और उनकी आँखें अँधेरे में किसी परछाई को ढूँढने लगती हैं। उन्हें आज भी नहीं पता कि वो औरत कौन थी, क्यों वहाँ खड़ी थी, और क्यों उसने उनका पीछा किया। क्या वो कोई आत्मा थी? या किसी हादसे का शिकार हुई कोई बदकिस्मत रूह?

ये एक ऐसा रहस्य है जो रामू काका की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है। वो कहते हैं कि उस रात से पहले वो भूतों पर विश्वास नहीं करते थे, पर उस रात ने उनका सारा विश्वास हिला दिया। वो अब भी कभी-कभी रात में अचानक उठ जाते हैं, और उन्हें अपने कानों में वही भयानक चीख़ सुनाई देती है, जैसे वो हाईवे पर आज भी गूँज रही हो। Real Horror Story in Hindi

क्या वो औरत आज भी उस हाईवे पर भटक रही है, किसी और अनजान मुसाफ़िर का इंतज़ार कर रही है? या वो बस एक बार अपनी कहानी सुनाना चाहती थी? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब रामू काका को कभी नहीं मिला, और शायद हमें भी कभी नहीं मिलेगा। ये एक सच्ची Real Horror Story in Hindi है, जो हमें याद दिलाती है कि कुछ चीज़ें हमारी समझ से परे होती हैं, और अँधेरा अपने साथ ऐसे राज़ छुपाए रखता है, जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।


कैसी लगी दोस्तों ये Real Horror Story in Hindi क्या आपके साथ भी कभी ऐसी कोई रहस्यमयी घटना हुई है? मुझे कमेंट्स में ज़रूर बताना!

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