रहस्यमयी रेलवे स्टेशन – Real Horror story -based on true experience

शिवपुर स्टेशन पर रवि के साथ घटी एक सच्ची डरावनी घटना। पढ़ें यह रहस्यमयी real horror story in Hindi जो रूह तक हिला देगी।
real horror story in hindi
5
(2)

पार्ट 4: प्लेटफॉर्म नंबर 3 – bhoot ki sachi kahani

रवि का शरीर काँप रहा था, पर वो हिल नहीं पा रहा था।
शालिनी की आत्मा अब बस कुछ ही कदम दूर थी।

उसके बाल बिखरे हुए थे, चेहरा भावशून्य और उसकी आँखों में कोई मानवता नहीं बची थी। मानो वो सिर्फ एक छाया हो… अधूरी और खोई हुई।

स्टेशन मास्टर ने रवि का हाथ पकड़ा और चिल्लाया,
“चलो यहाँ से! अभी!”

पर रवि जैसे किसी अदृश्य ताक़त के वश में था।

शालिनी ने अपनी ठंडी, धुँधली उँगलियाँ उसकी ओर बढ़ाई।
“तुम… आ गए…” वो बुदबुदाई।

रवि की आँखों में अंधेरा छाने लगा।

“मैं बहुत समय से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ…”
उसकी आवाज़ अब हवा में गूंज रही थी, जैसे स्टेशन की दीवारें भी उसे दोहरा रही हों।

स्टेशन मास्टर ने जेब से कुछ निकाला — एक छोटी सी डिबिया — और ज़ोर से शालिनी की ओर फेंका।

धड़ाम!

डिबिया ज़मीन पर टूटी और एक चटक चमक के साथ हल्का नीला धुआँ निकलने लगा।

शालिनी की आत्मा एक पल के लिए रुक गई… फिर पीछे हटने लगी। उसके चेहरे पर दर्द उभर आया।

“तांत्रिक राख है,” स्टेशन मास्टर ने फुसफुसाया,
“बस कुछ समय तक ही रोक सकती है…”

शालिनी गायब हो गई। हवा एकदम शांत हो गई।

रवि वहीं ज़मीन पर गिर पड़ा, बेहोश।

कुछ मिनटों बाद, जब वो होश में आया, स्टेशन मास्टर ने उसकी ओर झुक कर कहा,
“तुम्हें यहाँ नहीं रुकना चाहिए बेटा… जो लोग इसके चक्कर में फँसे, वो कभी लौटे नहीं।”

रवि ने काँपती आवाज़ में पूछा,
“अब क्या होगा?”

बूढ़ा मास्टर बोला,
“अब तुम्हें सच्चाई का सामना करना होगा। प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर जाओ… जहाँ उसकी मौत हुई थी। शायद वही तुम्हें जवाब मिलेगा।”

रवि ने सिर उठाया… और प्लेटफॉर्म नंबर 3 की ओर देखा। वहाँ धुंध के बीच कुछ हलचल सी थी।

[जारी है…] Next page 4 par

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *