वशीकरण: एक खौफनाक प्रेम कहानी – Real horror Story in hindi

माया का एकतरफा प्यार जब जुनून में बदला, तो उसने वशीकरण का सहारा लिया। पर क्या उसे पता था कि इस काली दुनिया में कदम रखना उसे और रवि दोनों को एक ऐसे अंधेरे में धकेल देगा जहाँ से वापसी मुश्किल है? यह एक सच्ची घटना पर आधारित, real horror story in hindi है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
real horror story in hindi
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जिन का सौदा और भयानक परिणाम

अब फिर से उसकी ये हालत देखकर, वो जो उसके सीनियर थे जिनसे पिछली बार वो पीर बाबा के पास गई थी, वो उन्हें एक और पहुँचे हुए पीर बाबा के पास लेकर गए। उन्होंने कहा कि, “मैंने चमत्कार होते हुए देखे हैं। यहाँ से तुम्हें अपनी प्रॉब्लम का सलूशन ज़रूर मिलेगा। और इस बार मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा।

वो उसे लेकर गए। वो लोग पीर को ‘इसर’ बोलते थे। तो वो लोग उन इसरार से मिले। तो जो इसर थे, उनको पूरी बात बताई गई। उसकी बात सुनने के बाद उन्होंने बोला कि, “तुम्हारा काम हो सकता है, लेकिन तुम्हें उसे कुछ खिलाना पड़ेगा। एक कीड़े की खाल के अंदर एक मंत्र बाँध के दूँगा, और एक मुअक्किल को उसके साथ बाँध के भेजेंगे। वो मुअक्किल उसके शरीर में जाकर रहेगा, और वो उसे खींच कर यहाँ लेकर आएगा। लेकिन वो मुअक्किल उसके अंदर रहेगा, कब्ज़ा करेगा, तभी वो उसे यहाँ ला सकता है। बताओ, तुम्हें मंज़ूर है?

अब मैं आपको यहाँ बता दूं, ‘मुअक्किल’ का मतलब यहाँ पर है एक जिन। वो जो इसरार थे, वो एक जिन को बाँध के भेजेंगे, एक जिन को भेजेंगे उस लड़के के शरीर में। वो उसके शरीर पर कंट्रोल करेगा, उसके माइंड पर कंट्रोल करेगा, और फिर वो उसे माया के पास लेकर आएगा।

अब माया इतनी पागल थी, इतनी ऑब्सेस्ड थी रवि को लेकर कि उसे जब दिख गया कि रवि इतनी आसानी से मेरे पास आ सकता है, तो उसने ये नहीं सोचा, ये नहीं पूछा कि उसको निकालेंगे कैसे! उसने फटाफट से हाँ बोल दिया!

उसके हाँ बोलने के बाद, उन्होंने कहा कि सब काम करने के लिए एक तो भैंसा लगेगा, और वो जो स्किन है, वो लाने का भी पैसा लगेगा। “भैंसे के ₹35,000 और वो चमड़ी लाने के ₹45,000 लगेंगे। और अगले जुम्मे तक तुमको ये लाना पड़ेगा, तब जाकर तुम्हारा काम होगा।”

माया ने कुछ नहीं सोचा। वो गई, उसने अपनी एफडी तोड़ी, कुछ लोगों से पैसे उधार लिए, और अगले जुम्मे से पहले-पहले उसने वो ₹70,000 लाकर उसको दे दिए।

और उस शुक्रवार के बाद, दो दिन के बाद, आगे होकर रवि का कॉल आया माया के पास! उसने उसे सोशल, सारे सोशल मीडिया पे से ब्लॉक हटा दिया, उसके फोन नंबर को अनब्लॉक कर दिया। उसने खुद उससे फोन करके माफ़ी माँगी, प्यार भरी बातें कीं, वीडियो कॉल शुरू हुए, और इस तरह से माया और रवि का ये जो रिश्ता था, ये वापस से रिस्टार्ट हुआ!


खुशी का भ्रम और काली शक्तियों का गहरा प्रभाव

अब माया बहुत खुश थी। उसने राधिका को फोन किया और उसको बताया कि कैसे उसने जीत हासिल की। उसके लिए बहुत बड़ी विक्ट्री थी। राधिका ने उसे कुछ नहीं कहा, क्योंकि उसे पता था वो कुछ भी कहेगी तो भी वो मानेगी नहीं।

इसके बाद, माया अपने वही जो सीनियर थे जिसने उसकी हेल्प की थी, उसके साथ वो रवि के यहाँ गई। उन लोगों ने पान के अंदर उस स्किन को मिलाकर रवि को खिला दिया।

अब ये जो उन्होंने प्रोसेस किया, इसके बाद ये लोग आ गए, और अब अगले 45 दिन बहुत ज्यादा अहम थे।

अब अगले एक वीक में सब कुछ ठीक हो गया। रवि ने खुद माया से कहा कि, “मुझे पता है कि हमारी शादी बिल्कुल चुपचाप हुई थी, लेकिन वो थी तो शादी ही! मैं अपने घर वालों से बात करूँगा। माया, मैं अब जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ!”

माया तो सातवें आसमान पर थी! लेकिन उसे याद आया कि उसने रवि को नुकसान पहुँचाने के लिए, उसे अपने वश में करने के लिए, वहाँ तारापीठ में उस औरत से कुछ करवाया था। वो वापस से वहाँ जाती है, उस लेडी से जाकर बोलती है कि, “जो तुमसे नहीं हुआ, वो मैंने किसी और से करवा लिया है। अब तुमने वो जो डॉल बनाई थी, उसको नष्ट कर दो। अब मुझे उसको कोई दुख नहीं देना है।”

राधिका ने उसे देखकर थोड़ी देर चुप्पी साध ली, और फिर बोली, “जिस राह पर तुम निकल गई हो ना लड़की, वो बहुत खतरनाक है, और अब तुम मुड़ नहीं सकती हो। एक बात बताओ, जिस इंसान से तुमने ये काम करवाया है, उसे ज़रूर पूछ लेना कि उस लड़के के अंदर जो चीज़ उसने डाली है, अगर वो कभी बाहर नहीं निकाल पाया तो?

माया ने उसकी बात को सुनकर अनसुना कर दिया, क्योंकि वो बहुत खुश थी। वो जो चाहती थी, वो सब हो रहा था। इन 45 दिनों के अंदर रवि करीबन तीन बार माया से मिलने आया। वो अच्छे से रहते, घूमते-फिरते, सब बढ़िया चल रहा था। रवि ने ये भी कहा कि वो अब माया से शादी करना चाहता है, ठीक तरीके से।

माया ने अपने घर पे बात की। घर पे बात करके उसने बताया, तो जब माया के फादर को पता लगा इनके बीच में इतना एज डिफरेंस है, तो एक बार तो उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया। उधर रवि के घर पे जब रवि ने बात की, तो उनके घर वाले, मतलब जो भी उसके दादा थे, वो लव मैरिज के सख्त खिलाफ थे। तो इस तरह से ये हुआ कि दोनों ही तरफ जब शादी के लिए मना हो गया, लेकिन यहाँ अब रवि माया का हाथ छोड़ने को तैयार नहीं था।

और एक महीने के अंदर-अंदर ही ये दोनों लिव-इन में रहने लगे। इनको था कि, “ठीक है, शादी तो हमारी हो ही रखी है, घरवाले नहीं मान रहे तो मत मानने दो, हम तो अब साथ ही रहेंगे।”


बदला हुआ रवि: जुनून का भयानक चेहरा

लेकिन अब यहाँ पर एक चीज़ डिफरेंट हो गई थी। वो रवि जो पहले थोड़ा इंट्रोवर्ट था, सॉफ्ट नेचर का था, अब वो बहुत ज्यादा गुस्सैल हो गया था। उसका नेचर धीरे-धीरे अग्रेसिव होता जा रहा था। रवि पहले चिकन, दारू, फिश ये सब नहीं खाता-पीता था, लेकिन अब वो चिकन भी खाता था, दारू भी पीता था, सुट्टा भी मारता था। हर दिन उसको ये चीज़ें चाहिए होती थीं। और एक सबसे बड़ी चीज़ जो उसे हर दिन चाहिए होती थी, वो था सेक्सुअल इंटरकोर्स!

माया मना करती तो ज़बरदस्ती किया करता था। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था माया थकी हुई है, उसका मन है नहीं है, उसे तो बस अपनी शारीरिक ज़रूरत पूरी करनी होती थी। धीरे-धीरे माया बहुत चिड़चिड़ाने लगी।

इस बात से परेशान होकर वापस से वो इसरार के पास गई, उसी अपने कलीग के साथ। वहाँ जाकर उन्हें सारी बात बताई। तो इसरार ने कहा कि, “मैं देखता हूँ।” उसने आँखें बंद कीं, और उसके बाद बोला कि, “मुअक्किल उसके शरीर पर हावी हो चुका है। उसे एक शरीर मिल गया है, उसे प्यार मिल रहा है, उसे खाना मिल रहा है, और अब वो वहीं रुक कर बैठ गया है।

माया उनसे बोलती है कि, “आप उसे लेकर आए हो, आप ही उसे बाहर भेजो! मुझे बस मेरा रवि चाहिए!

तो इसरार बोला कि, “उस मुअक्किल की वजह से ही वो आपके पास आया है। अगर वो मुअक्किल वहाँ से चला गया, तो वो भी आपके पास से चला जाएगा।

तो माया उनसे बोलती है, “तो क्या इसका कोई और रास्ता नहीं है कि रवि मेरे पास रह जाए और वो जिन वहाँ से चला जाए?”

इसरार बोला, “मुझे नहीं मालूम कि वो जिन कैसे जाएगा। उसको मैंने उस स्किन में, उस चमड़ी में बाँध के उसके साथ भेजा था, और अब वह उसके खून के अंदर घुल चुकी है, और वह अभी उसके शरीर के अंदर ही है।


अंतिम सत्य और नरक समान जीवन

उसकी बात सुनकर माया उनसे लड़ने लगी कि, “ये आपने पहले क्यों नहीं बताया?!

इसरार बोला कि, “उस दिन आपने बात पूरी सुनी नहीं। आप आधे में ही राजी हो गई। और वैसे भी, वो अपनी मर्जी से नहीं आया है। वो जिन ही उसे यहाँ पर लेकर आया है। अगर वो जिन चला गया, तो वो भी चला जाएगा। आप उसे रोक नहीं सकती हैं।

लेकिन माया को तो सिर्फ रवि चाहिए था, किसी भी कीमत पर! लेकिन वो सिर्फ शक्ल से रवि था, उसके अंदर कोई और था! और उसने ठाना कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो इस जिन को रवि के शरीर से बाहर निकालेगी!

लेकिन चीज़ें जितनी आसान दिखती हैं, उतनी आसान होती नहीं हैं। और अभी भी वो ये रास्ता ढूँढ रही कि कैसे वो उस जिन को रवि के शरीर से बाहर निकालेगी। उस दिन के बाद से वो जाने कितने बाबाओं, कितने मौलवियों, कितने इसरारों से मिल चुकी है, लेकिन हर कोई यही कहता है कि उन्हें नहीं पता कि वो उसको उसके शरीर से कैसे बाहर निकालेंगे।

और इधर रवि दिन भर घर में पड़ा-पड़ा सोता रहता है। उसकी जॉब जा चुकी है। उसने अपने घर वालों से नाता तोड़ दिया है। दिन भर सोता है, उठता है, रात को दारू पीता है, संबंध बनाता है, और माया की जिंदगी को उसने नरक बना रखा है!

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