तीव्र अस्वीकृति और एक अजनबी की वापसी -Real horror Story in hindi
खैर, उसने अपने स्टेप्स आगे बढ़ाए और वो रवि से लगातार बात करने लगी। वो बात करे जा रही थी, लेकिन रवि उसकी किसी बात का जवाब नहीं दे रहा था। वो अपने फोन में लगा हुआ था। और करीबन आधे घंटे तक जब वो बोलती रही, उसके बाद उसने अपना सिर ऊपर किया और बोला, “लिसन, आपको ये समझ में नहीं आ रहा है कि मैं आपसे बात करने में इंटरेस्टेड नहीं हूँ, फिर भी आप बोले जा रही हो!“
उसकी ये बात सुनकर माया का मुँह बंद हो गया। उसे गुस्सा भी आया, उसका मूड खराब हो गया। इतनी रूढ़नेस! और उठकर वो जाकर वापस से अपनी सीट पर बैठ गई। चाहे वो गुस्सा था, लेकिन अपनी सीट पर बैठे-बैठे भी उसकी नज़र वापस से वहीं पर जा रही थी। उसका ट्रेन का सफर बहुत खराब गया।
खैर, अपने-अपने डेस्टिनेशन पर पहुँचे। वो ट्रेन से उतरी, अपने घर पहुँची। और उसने जब वो उतरे, दोनों एक ही स्टेशन पे उतरे थे, कोलकाता पे ही। मुझे लगता है वो लड़का भी कोलकाता से ही था, या आई डोन्ट नो। बट वो दोनों एक स्टेशन पे उतरे। उसने स्टेशन में उतर के भी एक झलक उसको देखा, और उसके बाद वो अपने रास्ते निकल गई। उसे लगा कि शायद उसकी ये बात नहीं बनने वाली है।
लेकिन वो होता है ना मैनिफेस्टेशन – जिस चीज़ को आप सच्चे दिल से माँग लो, वो घूम फिर कर आपके पास आ ही जाती है। और माया के इस थॉट का मैनिफेस्टेशन हुआ दो महीने के बाद, साल 2024 में।
अजीब संयोग: काम पर फिर मुलाकात
जब उसके ऑफिस में डालमिया के साथ एक प्रोजेक्ट में कोलैबोरेशन की डील हुई! माया अपनी कंपनी के अंदर मार्केटिंग मैनेजर थी, और उसको अपनी टीम को लीड करना था। अब यहाँ आपको थोड़ा ड्रामेटिक लगेगा, लेकिन ये सब एक्चुअल में हुआ!
माया अपनी टीम के साथ उनके ऑफिस पहुँचती है। और वहाँ पहुँचकर उनको वहाँ के लीड मैनेजर से मिलना था। और जब वो वहाँ पहुँची और उस लीड मैनेजर से उसकी मुलाकात हुई, तो माया बस सब कुछ देखती रह गई! ये वही ट्रेन वाला रवि था! जो उधर से उस कंपनी की तरफ से टीम को लीड कर रहा था! वो उस कंपनी का प्रोग्राम मैनेजर था!
और जैसे ही रवि ने माया को देखा, उसके मन में से भी ये आवाज़ आई कि, “ये तो वही लड़की है! इसको मैं आधा घंटा तो झेल नहीं पाया! ये 3 महीने के प्रोजेक्ट पे कैसे झेलूँगा?!” लेकिन अब जो भी है, कंपनी का काम है, करना तो पड़ेगा ही।
और इधर माया सोच रही थी कि, “इतने बड़े शहर में यही आके वापस मुझे मिला?!”
तो उसने अपनी फ्रेंड राधिका को मैसेज किया, “यार, मुझे वही ट्रेन वाला लड़का यहाँ पर मिला और ये मेरा प्रोजेक्ट मैनेजर है!”
उधर से उसकी फ्रेंड का रिप्लाई आता है, “क्या बात कर रही है? सही है! तो तू उससे बात कर!”
ये वापस मैसेज करती है, “अब बात तो करूँगी! हम दोनों ही अपनी-अपनी टीम को लीड कर रहे हैं! बट यार तू सोच, कहाँ वो मुझे ट्रेन में मिला था, कहाँ मेरा उसके ऊपर क्रश जागा था, और इतने बड़े शहर में घूम फिर कर वापस मुझे मिल गया है! ये ज़रूर किसी न किसी बात का इंडिकेशन है!“
उधर से उसकी फ्रेंड ने कहा, “अच्छी बात है यार, जो तू चाहती थी तुझे मिल गया! अब तू आगे बढ़!”
रिश्ते की शुरुआत: माया का जुनून, रवि का अंदेशा
इधर रवि भी बहुत सारी बातें सोच रहा था, लेकिन सरप्राइज़िंगली माया बहुत ज्यादा प्रोफेशनल निकली। वो अपने प्रोजेक्ट को बहुत अच्छे से हैंडल कर रही थी। अपनी टीम को बहुत अच्छे से वो हैंडल करती थी। मैनेजमेंट उसका बहुत अच्छा था। और यही सारी बातें देखकर रवि को लगा कि, “ठीक है, पर्सनल लेवल पर कुछ भी हो, लेकिन प्रोफेशनली तो ये प्रोजेक्ट बहुत अच्छा काम करेगा!” और इस तरह से धीरे-धीरे वो माया के साथ ओपन अप होने लगा।
अब माया के मन में तो पहले दिन से ही रवि के लिए फीलिंग्स जाग गई थीं, बट रवि के मन में ऐसी कोई फीलिंग्स नहीं थीं। लेकिन वो होता है ना कि जब दो लोग साथ में काम करते हैं, इंटरेक्शन होता है, दोनों दिखने में ठीक हैं, और एक आदमी के मन में एक फीलिंग जागी हुई है, तो कुछ ऐसा ही यहाँ पर भी हुआ। धीरे-धीरे प्रोजेक्ट के सिलसिले में बैठते, बात करते, डिस्कशन करते, जब वर्क में बात होती है, तो इधर-उधर की बातें भी होना शुरू होती हैं, और धीरे-धीरे इन दोनों के बीच में रिलेशनशिप डेवलप होना शुरू हुआ।
और इस तरह से इन दोनों के बीच में एक सिचुएशन शुरू हो गई। माया की तरफ से तो ये रिलेशनशिप था, लेकिन रवि की तरफ से सिर्फ और सिर्फ एक सिचुएशन थी। वो किसी भी तरह के कमिटमेंट से डरता था।
इस पूरे प्रोजेक्ट के दौरान इनके बीच में प्यार हुआ, इनके बीच में फिजिकल रिलेशंस भी बने। और तीन बार फिजिकल रिलेशंस बनने के बाद, चीज़ें बदल गईं।
इस्तेमाल, अस्वीकृति और एक खौफनाक खुलासा
अब रवि ने माया के अंदर इंटरेस्ट दिखाना बंद कर दिया था। और जैसे ही इनका प्रोजेक्ट एंड हुआ, उसके बाद से रवि ने माया से मिलना ही बंद कर दिया। माया बहुत बार उसे बोलती, कोशिश करती उससे मिलने की, लेकिन रवि उसको इग्नोर कर देता था।
माया ने जैसा सोचा था, रवि वैसा लड़का नहीं निकला। वो शायद एक दिल फेंक लड़का था, और जो सिचुएशन बनी, उसने उसका पूरा फायदा उठाया। और यहाँ माया जो थी, वो उसका जो ऑब्सेशन था, उसका बहुत खतरनाक था। वो उसे बार-बार कॉल करती। वो बोलता कि आज नहीं मिलूँगा, कल मिलूँगा। बार-बार वो उसको टाल रहा था। लेकिन माया को रवि से इस बार बहुत ज्यादा अट्रैक्शन और प्यार हो गया था। वो इस बार उसे जाने देना नहीं चाहती थी।
क्योंकि उसे सिर्फ रवि से प्यार नहीं था… उसे पता था कि उस कंपनी में रवि की क्या पोजीशन है, जब वो प्रोजेक्ट के दौरान मिले, उसे पता लगा कि उसकी उस कंपनी के अंदर कितनी वैल्यू है। और उसे एक और बात पता चली… उसे पता चला कि रवि जो है, वो एक अच्छी-खासी रिच फैमिली से बिलोंग करता है, इन्फ्लुएंशियल फैमिली है, और उसका फ्यूचर रवि के साथ सिक्योर है। वो उसे अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी, वो उसे खोने देना नहीं चाहती थी।
उसे पता लगा कि रवि के माँ-बाप नहीं हैं, वो अपने दादा-दादी के साथ रहता था। और रवि के खुद के नाम पर करीबन साढ़े पाँच से साढ़े सात करोड़ के आसपास की संपत्ति थी! तो आप समझ सकते हैं कि कितना ज्यादा इंपैक्ट माया के ऊपर पड़ा होगा जब उसने पहली बार ट्रेन में देखा था तो उसे अट्रैक्ट हुई थी। उसके बाद उसके साथ रही, उसकी पोजीशन देखी, और लास्ट में उसे पता लगा कि सब कुछ सेट हो सकता है इसके साथ, सब कुछ सही है! तो वो अब अपने हथकंडे अपनाने लग गई।
लेकिन रवि जो था, वो उसमें बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं था, और वो उसकी बातों का ना जवाब देता था, ना उससे मिलने आता था। उसने अपनी फ्रेंड राधिका से बात की। और राधिका से बात करके जब उसने ये सब कुछ बताया, तो राधिका ने बोला कि, “यार, तेरी सारी बात सही है, तू अपना फ्यूचर देख रही है, लेकिन वो तुझ में इंटरेस्टेड नहीं है। तुझे साफ-साफ दिख रहा है। तू वहाँ काम करने गई, वहाँ तुम्हारे बीच में जो भी कुछ हुआ, इट वॉज़ मुझे लगता है कि एक पार्ट सिर्फ, लेकिन वो तुझ में इंटरेस्टेड नहीं है। और अगर कोई इंसान तुम में इंटरेस्टेड नहीं है, तो तुम उससे ज़बरदस्ती प्यार नहीं करवा सकती हो। तू उसे पा भी लेगी, तो भी वो कभी तेरे साथ उसकी वो फीलिंग्स रहेगी नहीं, तो उस बात को समझने की कोशिश कर।”
तो राधिका ने उसे बहुत समझाया, बहुत समझाया, लेकिन माया मानने को तैयार नहीं थी।