वशीकरण: एक खौफनाक प्रेम कहानी – Real horror Story in hindi

माया का एकतरफा प्यार जब जुनून में बदला, तो उसने वशीकरण का सहारा लिया। पर क्या उसे पता था कि इस काली दुनिया में कदम रखना उसे और रवि दोनों को एक ऐसे अंधेरे में धकेल देगा जहाँ से वापसी मुश्किल है? यह एक सच्ची घटना पर आधारित, real horror story in hindi है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
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जुनूनी माया का अगला कदम: काली दुनिया का सहारा

मैं आपको बता दूं एक और चीज़ कि जो रवि था, उसकी जो कंपनी थी, वो इंदौर में उसके एक ऑफिस था, उसके मल्टीपल ऑफिस थे, और वो किसी दूसरे शहर में रहता था। उस टाइम के लिए वो उस प्रोजेक्ट के हिसाब से ही वहाँ पर आया था। और जब पहली बार वो ट्रेन में चढ़ा था, तब भी वो किसी काम से आया था। तो इधर शहर दोनों के अलग-अलग थे, और माया के पास सिर्फ एक ही ज़रिया था – फ़ोन!

एक दिन उसने रवि को फोन किया। बहुत बार फोन करने के बाद, रवि ने थक हार कर फोन उठाया। उसने कहा कि, “अगर तुम मुझसे मिलने नहीं आ सकते हो, तो मैं तुमसे मिलने आती हूँ!” वो सीधा उसके ऑफिस पहुँचती है, वहाँ उससे मिलती है, और उससे बोलती है कि, “आखिर तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो?”

तो रवि बोलता है कि, “देखो, जो था वो हो गया। मुझे अब इसमें कोई, तुम में कोई इंटरेस्ट नहीं है।”

तो माया बोलती है, “अच्छा ठीक है, मैं अब दोबारा कभी नहीं आऊँगी। लास्ट बार आई हूँ, एक बार तो शहर घुमा दो।”

तो रवि बोला, “अच्छा ठीक है। फिर उसके बाद हम कभी नहीं मिलेंगे।”

तो माया बोलती है, “हाँ।” अब वो इधर से क्या प्लानिंग करके गई थी, रवि को भी नहीं पता था।

तो ये लोग घूमे। घूमने के बाद ये शंकर भगवान के एक मंदिर में गए, शिव-पार्वती का मंदिर था। वहाँ पर माया बोलती है कि, “देखो, मैंने तो दिल से तुम्हें अपना पति मान लिया है। मैं तो तुमसे शादी करना चाहती हूँ, लेकिन तुम मुझमें कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हो, और तुम ये कह रहे हो कि आज के बाद हम नहीं मिलेंगे।”

तो रवि ने उसकी बात सुनी। उसने बोला कि, “मेरी एक लास्ट इच्छा है, वो पूरी कर दो।”

तो रवि बोलता है, “बताओ क्या?”

माया ने कहा, “तुम मेरी माँग में सिंदूर भर दो। तुम चाहे मानो ना मानो, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपना पति मान के चलूँगी।

रवि को थोड़ा अजीब लगा। उसे लगा, “ठीक है यार, ये आफ़त से तो छूटेंगे।” तो उसने उसके माँग में सिंदूर भरा। उसके बाद उनकी एक तरीके से ये मान लो आप शादी हो गई – ये वाली, पता है जो मूवीज़ के अंदर होती है, बिल्कुल वैसे ही कुछ इस तरह का उसने सीन क्रिएट किया। फिर इसके बाद इनकी आफ्टर मैरिज सुहागरात भी हो गई।

अब अगले दिन रवि निकला अपने रास्ते। लेकिन माया मन ही मन रवि को अपना पति मान चुकी थी। माया के लिए सब कुछ जितना सीरियस हो रहा था, रवि के लिए सब कुछ उतना ही मज़ाक था। उसे लगा था कि मज़ाक में ही उसने ये सब किया है, शादी वगैरह, मतलब जो उसकी माँग में सिंदूर भरा है। वैसे भी इन दोनों की ऐज में बहुत डिफरेंस था। जहाँ पर माया करीबन 28 साल की थी, रवि की उम्र करीबन 36 साल थी।


ब्लॉक, डिप्रेशन और काले जादू की राह – Real horror Story in hindi

अब इसके बाद माया वापस अपने शहर आ गई। और अपने शहर आते ही, जब उसने रवि को फोन किया, तो रवि ने उसका फोन ब्लॉक कर दिया। उसने व्हाट्सएप से, उसने अपने बाकी सारे सोशल मीडिया से माया को ब्लॉक कर दिया था। अब माया की हालत खराब हो गई। वो वापस से उसी जगह पहुँच गई जहाँ पहले उसके साथ ये सब हुआ था। वो बहुत परेशान थी। पूरी रात उसने राधिका से बात की, रो रही थी, बोल रही थी कि, “मेरे साथ ये सब क्यों होता है? फिर से मेरे साथ ये हो रहा है!

राधिका ने उसे समझाया कि, “देख, जो हो गया सो हो गया। तू भी तो समझने की कोशिश कर, वो लड़का टॉक्सिक है। उसे तुझ में कोई इंटरेस्ट नहीं है। वो सिर्फ तुझे यूज़ कर रहा है। जब तू उसके पास जाती है, वो तुझे यूज़ करता है, और उसके बाद फिर से तुझसे बात करना बंद कर देता है। ये बहुत क्लियर साइन हैं कि उसे तुझसे कोई लेना देना नहीं है, और तू उसके पीछे बेमतलब पागल हो रही है।”

लेकिन यहाँ माया का जो साइकोलॉजिकल लेवल था, वो अलग हो चुका था। उसने अगले दिन से ही 21 दिनों का मैनिफेस्टेशन पीरियड स्टार्ट किया। अब मैं आपको बता दूं, कहीं ना कहीं उसने वो टेक्निक देखी कि 21 दिनों तक आपको हर टाइम दिमाग में आपकी जो चीज़ चाहिए, वो चाहिए होती है, और उसकी बारे में आप सोचते रहते हो। लेकिन सात दिन गुज़रने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ, तो उसने वो छोड़ दिया।

फिर वो अपनी कुंडली लेकर एस्ट्रोलॉजर्स के पास पहुँचने लगी। उन एस्ट्रोलॉजर्स ने उसकी कुंडली देखकर बताया कि भाई उसके भाग्य में इस लड़के के साथ रिश्ता नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन वो ये सब भी मानने को तैयार नहीं थी। पता नहीं ऐसा कौन सा भूत सवार हो गया था उसके ऊपर कि बस वो रवि को किसी भी कीमत पर पाना चाहती थी।


ऊपरी ताकतों का सहारा: काले जादू की शुरुआत

उसी के ऑफिस में उसका ही एक कलीग था, जिनको वो भैया बोला करती थी। और उन भैया ने जब उससे सारी बातचीत सुनी, तो उन्होंने कहा, “एक काम करो, तुम ऊपरी ताकतों का सहारा लो। तुम्हारा काम बन जाएगा।

उन भैया ने ही उन्हें कोलकाता में एक बाबा का एड्रेस दिया। वो उन बाबा के पास गई और जाकर उनको सारी बात बताई। तो बाबा बोले कि, “तुम जो चाह रही हो वो हो जाएगा, लेकिन तुम उस लड़के के साथ रह नहीं पाओगी। इसलिए तुम जो भी करना चाहती हो, पहले अच्छी तरह से सोच समझ लो।”

उनसे मिलने के बाद उसने राधिका को फोन किया। राधिका को फोन करके उसने बताया, तो राधिका ने बोला कि, “देख, ये सब ठीक नहीं है, और मैं इसमें तेरा बिल्कुल भी साथ नहीं दूँगी। तू पागल हो चुकी है। ऐसे भी उस इंसान को पाकर तुझे क्या मिल जाएगा?”

लेकिन माया उसकी बात सुनने-समझने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। वो फिर अगले दिन जाकर उन बाबा से मिली। उन बाबा ने उसे कुछ चीज़ें दीं, कुछ तावीज़ दिया, कुछ पानी दिया। दो-तीन दिन तक वो सब यूज़ करने के बाद उसने देखा कि तीसरे दिन रवि ने उसको ब्लॉक से हटा दिया! उसने उसको फोन किया, रवि ने उससे बहुत अच्छे से बात की। दो-तीन दिन अच्छी बात हुई, और अब माया को ये लगने लग गया था कि बाबा ही उसे रवि से मिलवा सकते हैं।

लेकिन उसका ये वहम भी बहुत जल्दी दूर हो गया। वो वहाँ से आई और उसके दो-तीन दिन बाद ही वापस रवि ने उसको ब्लॉक कर दिया। अब ऐसा होता था कि जब उसकी इच्छा होती, वो उसे अनब्लॉक करता, उससे बातचीत करता, फिर जब उसकी इच्छा होती है, ब्लॉक करके भाग जाता। इन सब से वो बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी।

लेकिन उसे एक चीज़ समझ में आ गई थी कि अगर कुछ काम कर सकता है, तो वो ये है – ऊपरी ताकत! क्योंकि जिस दिन वो उन बाबा से मिली थी, उनसे मिलने के कुछ दिनों तक रवि ने उससे बात की।

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