एकतरफा बातचीत और अहंकार का टकराव

अब देखिए, ट्रेन में तो अजनबी भी बात कर ही लेते हैं, है ना? तो माया ने उस लड़के से बोला, “तुम कहाँ जा रहे हो?”
उसकी बात सुनकर, उस लड़के ने फोन काम करते हुए से अपनी नज़रें उठाईं और बोला, “अनजान आदमी को तुम नहीं, ‘आप’ बोलते हैं। और वैसे मैं कोलकाता जा रहा हूँ।” इतना बोलकर वो वापस से अपने फोन में लग गया।
माया को उसका लहजा पसंद नहीं आया, लेकिन उसने भी अपनी गलती मानी। उसने बोला, “सॉरी।” और उसने पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?”
तो उसने नाम बताया, “मेरा नाम रवि है।”
तो माया ने बोला, “तो लो हो गई मुलाकात! अब हम लोग अजनबी नहीं हैं। मेरा नाम माया है और तुम्हारा नाम रवि है। हमारे तो नाम के इनिशियल लेटर्स भी सेम हैं!”
उस लड़के ने एक बार उसकी तरफ देखा, और फिर वापस से इग्नोर करके अपने फोन में लग गया। अब माया ने जब यह देखा, तो उसने अपने मन ही मन बोला, “अच्छा, इतना रूढ़? बात नहीं करेगा? कौन है ये जिसने दोबारा मुड़ के मुझे नहीं देखा? ठीक है, चैलेंज तो बनता है! अब इससे तो बात मैं करवा के ही मानूँगी!”
जुनून की शुरुआत और भविष्य की चिंता
अब माया एक अलग ज़ोन में आ चुकी थी। उसका जो ब्रेकअप वाला दर्द था, वो सब गायब हो चुका था, और उसकी आँखें टिक चुकी थीं रवि पर। उस लड़के की रूढ़नेस में, उसके इस एटीट्यूड में भी कुछ था, जो माया को अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रहा था।
माया मन ही मन सोचने लगी कि मैं यहाँ से आगे तो बढ़ रही हूँ, लेकिन कहीं वैसा ही तो नहीं होगा जो मेरे साथ पास्ट में हुआ? क्या ये भी उन्हीं लड़कों की तरह निकलेगा जो मेरे पास्ट में रहे हैं? क्योंकि माया अब एक जीवनसाथी ढूँढ रही थी, जिसके साथ वो हमेशा के लिए सेटल हो सके। जो उसके ब्रेकअप हुए थे, उससे वो बहुत ज्यादा परेशान और मेंटली ट्रॉमा में थी, जिससे वो बहुत मुश्किल से बाहर निकली थी। और अब दोबारा वो घबरा रही थी आगे स्टेप लेने से।
लेकिन पता नहीं ऐसा कौन सा आकर्षण था उस लड़के के अंदर कि माया अब आगे बढ़ने को तैयार थी। वो सोचे जा रही थी कि इस ट्रेन में हमारी कहानी शुरू होगी! उसकी जो पिक्चर थी परफेक्ट लव स्टोरी वाली, उसके बारे में वो सोच रही थी, और मन ही मन हाथ जोड़ के वो कह रही थी, “हे शिवजी, ये लड़का मुझे पसंद कर ले और हमारी शादी हो जाए!“
पहली मुलाकात में इतना कुछ सोच लेना, वो भी वन साइडेड! अभी तक न तो उस लड़के को जानती थी, न उसके बारे में कुछ जानती थी, और उसने भगवान से प्रार्थना करना शुरू कर दिया था कि इस लड़के के साथ मेरी शादी हो जाए।
तीव्र अस्वीकृति और एक अजनबी की वापसी
खैर, उसने अपने स्टेप्स आगे बढ़ाए और वो रवि से लगातार बात करने लगी। वो बात करे जा रही थी, लेकिन रवि उसकी किसी बात का जवाब नहीं दे रहा था। वो अपने फोन में लगा हुआ था। और करीबन आधे घंटे तक जब वो बोलती रही, उसके बाद उसने अपना सिर ऊपर किया और बोला, “लिसन, आपको ये समझ में नहीं आ रहा है कि मैं आपसे बात करने में इंटरेस्टेड नहीं हूँ, फिर भी आप बोले जा रही हो!“
उसकी ये बात सुनकर माया का मुँह बंद हो गया। उसे गुस्सा भी आया, उसका मूड खराब हो गया। इतनी रूढ़नेस! और उठकर वो जाकर वापस से अपनी सीट पर बैठ गई। चाहे वो गुस्सा था, लेकिन अपनी सीट पर बैठे-बैठे भी उसकी नज़र वापस से वहीं पर जा रही थी। उसका ट्रेन का सफर बहुत खराब गया।
खैर, अपने-अपने डेस्टिनेशन पर पहुँचे। वो ट्रेन से उतरी, अपने घर पहुँची। और उसने जब वो उतरे, दोनों एक ही स्टेशन पे उतरे थे, कोलकाता पे ही। मुझे लगता है वो लड़का भी कोलकाता से ही था, या आई डोन्ट नो। बट वो दोनों एक स्टेशन पे उतरे। उसने स्टेशन में उतर के भी एक झलक उसको देखा, और उसके बाद वो अपने रास्ते निकल गई। उसे लगा कि शायद उसकी ये बात नहीं बनने वाली है।
लेकिन वो होता है ना मैनिफेस्टेशन – जिस चीज़ को आप सच्चे दिल से माँग लो, वो घूम फिर कर आपके पास आ ही जाती है। और माया के इस थॉट का मैनिफेस्टेशन हुआ दो महीने के बाद, साल 2024 में।
अजीब संयोग: काम पर फिर मुलाकात – real horror story in hindi
जब उसके ऑफिस में डालमिया के साथ एक प्रोजेक्ट में कोलैबोरेशन की डील हुई! माया अपनी कंपनी के अंदर मार्केटिंग मैनेजर थी, और उसको अपनी टीम को लीड करना था। अब यहाँ आपको थोड़ा ड्रामेटिक लगेगा, लेकिन ये सब एक्चुअल में हुआ!
माया अपनी टीम के साथ उनके ऑफिस पहुँचती है। और वहाँ पहुँचकर उनको वहाँ के लीड मैनेजर से मिलना था। और जब वो वहाँ पहुँची और उस लीड मैनेजर से उसकी मुलाकात हुई, तो माया बस सब कुछ देखती रह गई! ये वही ट्रेन वाला रवि था! जो उधर से उस कंपनी की तरफ से टीम को लीड कर रहा था! वो उस कंपनी का प्रोग्राम मैनेजर था!
और जैसे ही रवि ने माया को देखा, उसके मन में से भी ये आवाज़ आई कि, “ये तो वही लड़की है! इसको मैं आधा घंटा तो झेल नहीं पाया! ये 3 महीने के प्रोजेक्ट पे कैसे झेलूँगा?!” लेकिन अब जो भी है, कंपनी का काम है, करना तो पड़ेगा ही।
और इधर माया सोच रही थी कि, “इतने बड़े शहर में यही आके वापस मुझे मिला?!”
तो उसने अपनी फ्रेंड राधिका को मैसेज किया, “यार, मुझे वही ट्रेन वाला लड़का यहाँ पर मिला और ये मेरा प्रोजेक्ट मैनेजर है!”
उधर से उसकी फ्रेंड का रिप्लाई आता है, “क्या बात कर रही है? सही है! तो तू उससे बात कर!”
ये वापस मैसेज करती है, “अब बात तो करूँगी! हम दोनों ही अपनी-अपनी टीम को लीड कर रहे हैं! बट यार तू सोच, कहाँ वो मुझे ट्रेन में मिला था, कहाँ मेरा उसके ऊपर क्रश जागा था, और इतने बड़े शहर में घूम फिर कर वापस मुझे मिल गया है! ये ज़रूर किसी न किसी बात का इंडिकेशन है!“
उधर से उसकी फ्रेंड ने कहा, “अच्छी बात है यार, जो तू चाहती थी तुझे मिल गया! अब तू आगे बढ़!”