आज फिर मैं आप लोगों के सामने एक और नया, दिल दहला देने वाला सुपरनैचुरल एक्सपीरियंस लेकर हाज़िर हूँ। हमारी आज की जो घटना है, वो मेरे साथ मेरी दोस्त राधिका ने शेयर की है। और यहाँ जो भी कुछ हुआ है, वो उनकी दोस्त माया के साथ हुआ है। सबसे डरावनी बात पता है क्या है? ये सब कुछ खत्म नहीं हुआ है, ये सब कुछ अभी भी चल रहा है!
यह घटना है, पागलपन का, ऑब्सेशन का, और प्यार की उस हद का, जहाँ इंसान सब कुछ भूल जाता है! इस घटना में आपको ये जानने को मिलेगा कि कोई इंसान जब किसी से प्यार कर बैठता है, तो वो पागलपन की भी हदें पार कर देता है उसको पाने के लिए। वो इतना पागल हो जाता है कि साम, दाम, दंड, भेद… चाहे कुछ भी लगाना पड़े, लेकिन उस इंसान को वो पाकर रहता है। लेकिन इसी सारी प्रोसेस के अंदर, वो कुछ ऐसे स्टेप्स ले बैठते हैं, जिसका परिणाम क्या हो सकता है, उन लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा। और ऐसा ही हुआ हमारी आज की इस घटना में।
तो चलिए, बिना किसी देरी के, इस खौफनाक कहानी की शुरुआत करते हैं।
अपरिचित ट्रेन यात्रा और एक अनमोल नज़र – Real Horror Story in hindi
इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2023 में। अगस्त का महीना था, जब माया का अपने पुराने बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हुआ था। ज़ाहिर है, वो उस रिश्ते से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी। अगस्त से लेकर नवंबर तक, वो इस ब्रेकअप के दर्द से उबर रही थी। और इसी के चलते, उसने डिसाइड किया कि वो चार-पाँच दिनों के लिए, या कुछ टाइम के लिए, अपने घर कोलकाता जाएगी।
वो इंदौर में ट्रेन पकड़ती है। उसकी सीट साइड अपर थी, तो वो नीचे वाली सीट पर बैठी हुई थी। उसके बगल में एक बूढ़ी-सी दादी बैठी थीं। ट्रेन वहाँ से चलती है और एक बड़े स्टेशन से होकर, जब वो शहर के दूसरे छोटे स्टेशन पर पहुँचती है, तो उसकी बोगी के अंदर एक लड़का चढ़ता है। उस लड़के की सीट माया की सीट से करीबन दो-तीन सेक्शन दूर थी, और वो लड़का बिल्कुल तिरछे माया को दिख रहा था।
देखने में वो लड़का बहुत स्मार्ट था – शार्प जॉलाइन, मेसी हेयर और उसकी आँखों में एक अलग-सा ठहराव था। उसको देखते ही आप ये बोल सकते हैं कि माया बहुत ज्यादा उसकी तरफ आकर्षित हो गई, अट्रैक्ट हो गई। वो बोलते हैं ना, देखते ही किसी से अगर बात करने की इच्छा हो जाए – ऐसा चार्म था उसके अंदर कि उसने माया को और माया के ध्यान को अपनी तरफ खींच लिया था।
ट्रेन चल पड़ी, लेकिन माया की नज़रें अभी भी उसी लड़के के ऊपर टिकी हुई थीं। माया ने कोशिश की कि वो उस पर ध्यान न दे, इधर-उधर कहीं और देखे। लेकिन बार-बार घूम-घूम कर उसकी नज़रें उसी लड़के पर आकर टिक रही थीं। अब माया समझ चुकी थी कि वो इस लड़के से बहुत ज्यादा अट्रैक्टेड है। और अब उसने सोचा, “चलो, इससे बात करते हैं।” वो उठकर उसकी सामने वाली सीट पर जाकर बैठ गई।
माया भी दिखने में अच्छी-खासी सुंदर थी, और पहली बार ऐसा था कि वो किसी लड़के की तरफ इतना ज्यादा अट्रैक्ट हुई थी। कभी-कभी होता है ना, जिसको आप क्रश बोलते हो। तो वो बैठ गई और बैठकर उस लड़के को देखने लगी। वो लड़का अपने फोन में लगा हुआ था, कुछ काम कर रहा था, पता नहीं क्या था, और माया की नज़रें बस उसी के ऊपर टिकी हुई थीं। उस वाले सेक्शन में सिर्फ ये दोनों ही बैठे हुए थे, आस-पास कोई था भी नहीं।
एकतरफा बातचीत और अहंकार का टकराव
अब देखिए, ट्रेन में तो अजनबी भी बात कर ही लेते हैं, है ना? तो माया ने उस लड़के से बोला, “तुम कहाँ जा रहे हो?”
उसकी बात सुनकर, उस लड़के ने फोन काम करते हुए से अपनी नज़रें उठाईं और बोला, “अनजान आदमी को तुम नहीं, ‘आप’ बोलते हैं। और वैसे मैं कोलकाता जा रहा हूँ।” इतना बोलकर वो वापस से अपने फोन में लग गया।
माया को उसका लहजा पसंद नहीं आया, लेकिन उसने भी अपनी गलती मानी। उसने बोला, “सॉरी।” और उसने पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?”
तो उसने नाम बताया, “मेरा नाम रवि है।”
तो माया ने बोला, “तो लो हो गई मुलाकात! अब हम लोग अजनबी नहीं हैं। मेरा नाम माया है और तुम्हारा नाम रवि है। हमारे तो नाम के इनिशियल लेटर्स भी सेम हैं!”
उस लड़के ने एक बार उसकी तरफ देखा, और फिर वापस से इग्नोर करके अपने फोन में लग गया। अब माया ने जब यह देखा, तो उसने अपने मन ही मन बोला, “अच्छा, इतना रूढ़? बात नहीं करेगा? कौन है ये जिसने दोबारा मुड़ के मुझे नहीं देखा? ठीक है, चैलेंज तो बनता है! अब इससे तो बात मैं करवा के ही मानूँगी!”
जुनून की शुरुआत और भविष्य की चिंता
अब माया एक अलग ज़ोन में आ चुकी थी। उसका जो ब्रेकअप वाला दर्द था, वो सब गायब हो चुका था, और उसकी आँखें टिक चुकी थीं रवि पर। उस लड़के की रूढ़नेस में, उसके इस एटीट्यूड में भी कुछ था, जो माया को अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रहा था।
माया मन ही मन सोचने लगी कि मैं यहाँ से आगे तो बढ़ रही हूँ, लेकिन कहीं वैसा ही तो नहीं होगा जो मेरे साथ पास्ट में हुआ? क्या ये भी उन्हीं लड़कों की तरह निकलेगा जो मेरे पास्ट में रहे हैं? क्योंकि माया अब एक जीवनसाथी ढूँढ रही थी, जिसके साथ वो हमेशा के लिए सेटल हो सके। जो उसके ब्रेकअप हुए थे, उससे वो बहुत ज्यादा परेशान और मेंटली ट्रॉमा में थी, जिससे वो बहुत मुश्किल से बाहर निकली थी। और अब दोबारा वो घबरा रही थी आगे स्टेप लेने से।
लेकिन पता नहीं ऐसा कौन सा आकर्षण था उस लड़के के अंदर कि माया अब आगे बढ़ने को तैयार थी। वो सोचे जा रही थी कि इस ट्रेन में हमारी कहानी शुरू होगी! उसकी जो पिक्चर थी परफेक्ट लव स्टोरी वाली, उसके बारे में वो सोच रही थी, और मन ही मन हाथ जोड़ के वो कह रही थी, “हे शिवजी, ये लड़का मुझे पसंद कर ले और हमारी शादी हो जाए!“
पहली मुलाकात में इतना कुछ सोच लेना, वो भी वन साइडेड! अभी तक न तो उस लड़के को जानती थी, न उसके बारे में कुछ जानती थी, और उसने भगवान से प्रार्थना करना शुरू कर दिया था कि इस लड़के के साथ मेरी शादी हो जाए।