वशीकरण: एक खौफनाक प्रेम कहानी – Real horror Story in hindi

माया का एकतरफा प्यार जब जुनून में बदला, तो उसने वशीकरण का सहारा लिया। पर क्या उसे पता था कि इस काली दुनिया में कदम रखना उसे और रवि दोनों को एक ऐसे अंधेरे में धकेल देगा जहाँ से वापसी मुश्किल है? यह एक सच्ची घटना पर आधारित, real horror story in hindi है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
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बदला हुआ रवि: जुनून का भयानक चेहरा – Real horror Story in hindi

लेकिन अब यहाँ पर एक चीज़ डिफरेंट हो गई थी। वो रवि जो पहले थोड़ा इंट्रोवर्ट था, सॉफ्ट नेचर का था, अब वो बहुत ज्यादा गुस्सैल हो गया था। उसका नेचर धीरे-धीरे अग्रेसिव होता जा रहा था। रवि पहले चिकन, दारू, फिश ये सब नहीं खाता-पीता था, लेकिन अब वो चिकन भी खाता था, दारू भी पीता था, सुट्टा भी मारता था। हर दिन उसको ये चीज़ें चाहिए होती थीं। और एक सबसे बड़ी चीज़ जो उसे हर दिन चाहिए होती थी, वो था सेक्सुअल इंटरकोर्स!

माया मना करती तो ज़बरदस्ती किया करता था। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था माया थकी हुई है, उसका मन है नहीं है, उसे तो बस अपनी शारीरिक ज़रूरत पूरी करनी होती थी। धीरे-धीरे माया बहुत चिड़चिड़ाने लगी।

इस बात से परेशान होकर वापस से वो इसरार के पास गई, उसी अपने कलीग के साथ। वहाँ जाकर उन्हें सारी बात बताई। तो इसरार ने कहा कि, “मैं देखता हूँ।” उसने आँखें बंद कीं, और उसके बाद बोला कि, “मुअक्किल उसके शरीर पर हावी हो चुका है। उसे एक शरीर मिल गया है, उसे प्यार मिल रहा है, उसे खाना मिल रहा है, और अब वो वहीं रुक कर बैठ गया है।

माया उनसे बोलती है कि, “आप उसे लेकर आए हो, आप ही उसे बाहर भेजो! मुझे बस मेरा रवि चाहिए!

तो इसरार बोला कि, “उस मुअक्किल की वजह से ही वो आपके पास आया है। अगर वो मुअक्किल वहाँ से चला गया, तो वो भी आपके पास से चला जाएगा।

तो माया उनसे बोलती है, “तो क्या इसका कोई और रास्ता नहीं है कि रवि मेरे पास रह जाए और वो जिन वहाँ से चला जाए?”

इसरार बोला, “मुझे नहीं मालूम कि वो जिन कैसे जाएगा। उसको मैंने उस स्किन में, उस चमड़ी में बाँध के उसके साथ भेजा था, और अब वह उसके खून के अंदर घुल चुकी है, और वह अभी उसके शरीर के अंदर ही है।


अंतिम सत्य और नरक समान जीवन

उसकी बात सुनकर माया उनसे लड़ने लगी कि, “ये आपने पहले क्यों नहीं बताया?!

इसरार बोला कि, “उस दिन आपने बात पूरी सुनी नहीं। आप आधे में ही राजी हो गई। और वैसे भी, वो अपनी मर्जी से नहीं आया है। वो जिन ही उसे यहाँ पर लेकर आया है। अगर वो जिन चला गया, तो वो भी चला जाएगा। आप उसे रोक नहीं सकती हैं।

लेकिन माया को तो सिर्फ रवि चाहिए था, किसी भी कीमत पर! लेकिन वो सिर्फ शक्ल से रवि था, उसके अंदर कोई और था! और उसने ठाना कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो इस जिन को रवि के शरीर से बाहर निकालेगी!

लेकिन चीज़ें जितनी आसान दिखती हैं, उतनी आसान होती नहीं हैं। और अभी भी वो ये रास्ता ढूँढ रही कि कैसे वो उस जिन को रवि के शरीर से बाहर निकालेगी। उस दिन के बाद से वो जाने कितने बाबाओं, कितने मौलवियों, कितने इसरारों से मिल चुकी है, लेकिन हर कोई यही कहता है कि उन्हें नहीं पता कि वो उसको उसके शरीर से कैसे बाहर निकालेंगे।

और इधर रवि दिन भर घर में पड़ा-पड़ा सोता रहता है। उसकी जॉब जा चुकी है। उसने अपने घर वालों से नाता तोड़ दिया है। दिन भर सोता है, उठता है, रात को दारू पीता है, संबंध बनाता है, और माया की जिंदगी को उसने नरक बना रखा है!


आशा की आखिरी किरण या एक और भ्रम?

उस इसरार ने एक पानी दिया था रवि को पिलाने के लिए, और उसके बाद सब कुछ उल्टा हो गया। और सब कुछ चल रहा है, और वो अभी भी इन चीज़ों से जूझ रही है।

अभी रिसेंट उसे पता लगा है कि अजमेर दरगाह शरीफ में कोई एक बाबा है, जो इस चीज़ से उसको निजात दिला सकते हैं, इस चीज़ को छुड़ा सकते हैं, उसके शरीर से बाहर निकाल सकते हैं। लेकिन उसके बाहर जाते ही, रवि भी उससे हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।

लेकिन अब जो उसने यातना झेली है, वो उसके लिए तैयार है। और अभी कुछ दिनों पहले ही वो वहाँ पर गई है।

अब क्या हुआ होगा? क्या नहीं? वो तो हमें अपडेट मिलेगा बाद में। वो मैं आपको भी कभी ना कभी बताऊँगा जब मेरे पास वहाँ से मैसेज आएगा।


एक चेतावनी और कहानी का सबक

लेकिन माया ने जो किया, उसकी सज़ा उसे हाथों-हाथ ही साथ में मिल गई। इसी के इतना ही नहीं, उसने अपने साथ-साथ रवि की पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी। उसकी जॉब जा चुकी है। ऑल्दो ठीक है, उसकी फैमिली फाइनेंसियली स्टेबल है, बट अभी फैमिली से भी उसने नाता तोड़ा हुआ है। और कितना, किस हद तक गिरकर इस लड़की ने उस लड़के को अपने पास बुलाया है। उसने वो सौदे कर लिए, जिस बारे में कुछ जानती नहीं थी। उसने परिणाम की तरफ देखा ही नहीं, और सीधे अपने स्टेप्स ले लिए।

तो देखा आपने, किस तरह से ऑब्सेशन में आकर माया ने ये सब किया, और किसी की बात नहीं सुनी। और आज उसकी सज़ा वो खुद भुगत रही है।

इसीलिए कहते हैं कि ये जो प्यार होता है ना, ये बहुत अलग चीज़ होती है। जिससे आप प्यार करते हो, उसे पाने के लिए आप ये सब हथकंडे नहीं अपनाते हो। और ये तो प्यार था भी नहीं! एक वन साइडेड लव था, ऑब्सेशन था, और ये उसने अपने शायद ईगो पे ले लिया था – “चाहे कुछ भी हो जाए, मुझे इसको पाना ही पाना है।” और इस चक्कर में उसने अपना करियर बर्बाद किया, रवि का करियर बर्बाद किया, और अभी आगे पता नहीं क्या-क्या होने वाला है!

ये थी हमारी आज की कहानी। आई होप आप लोगों को इससे बहुत कुछ सीखने को मिला होगा, और सतर्क-सावधान रहने को भी आपको मिला होगा कि अगर आपकी लाइफ में भी कोई ऐसा है जो आपसे वन साइडेड प्यार करता है, तो उससे आप थोड़ा सावधान रहें। क्योंकि आप पहले भी बहुत सारे ऐसे केसेस सुन चुके हैं जिसमें हार्म होता है। और एक केस आज मैं आप लोगों के सामने लेकर आया जिसमें एक्सट्रीम लेवल पर जाकर माया ने कोशिश की अपने प्यार को पाने की।

क्या कहते हैं आप इस बारे में? अपनी राय कमेंट्स में ज़रूर शेयर करें!

इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2023 में। अगस्त का महीना था, जब माया का अपने पुराने बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हुआ था। ज़ाहिर है, वो उस रिश्ते से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी। अगस्त से लेकर नवंबर तक, वो इस ब्रेकअप के दर्द से उबर रही थी। और इसी के चलते, उसने डिसाइड किया कि वो चार-पाँच दिनों के लिए, या कुछ टाइम के लिए, अपने घर कोलकाता जाएगी।

वो इंदौर में ट्रेन पकड़ती है। उसकी सीट साइड अपर थी, तो वो नीचे वाली सीट पर बैठी हुई थी। उसके बगल में एक बूढ़ी-सी दादी बैठी थीं। ट्रेन वहाँ से चलती है और एक बड़े स्टेशन से होकर, जब वो शहर के दूसरे छोटे स्टेशन पर पहुँचती है, तो उसकी बोगी के अंदर एक लड़का चढ़ता है। उस लड़के की सीट माया की सीट से करीबन दो-तीन सेक्शन दूर थी, और वो लड़का बिल्कुल तिरछे माया को दिख रहा था।

देखने में वो लड़का बहुत स्मार्ट था – शार्प जॉलाइन, मेसी हेयर और उसकी आँखों में एक अलग-सा ठहराव था। उसको देखते ही आप ये बोल सकते हैं कि माया बहुत ज्यादा उसकी तरफ आकर्षित हो गई, अट्रैक्ट हो गई। वो बोलते हैं ना, देखते ही किसी से अगर बात करने की इच्छा हो जाए – ऐसा चार्म था उसके अंदर कि उसने माया को और माया के ध्यान को अपनी तरफ खींच लिया था।

ट्रेन चल पड़ी, लेकिन माया की नज़रें अभी भी उसी लड़के के ऊपर टिकी हुई थीं। माया ने कोशिश की कि वो उस पर ध्यान न दे, इधर-उधर कहीं और देखे। लेकिन बार-बार घूम-घूम कर उसकी नज़रें उसी लड़के पर आकर टिक रही थीं। अब माया समझ चुकी थी कि वो इस लड़के से बहुत ज्यादा अट्रैक्टेड है। और अब उसने सोचा, “चलो, इससे बात करते हैं।” वो उठकर उसकी सामने वाली सीट पर जाकर बैठ गई।

माया भी दिखने में अच्छी-खासी सुंदर थी, और पहली बार ऐसा था कि वो किसी लड़के की तरफ इतना ज्यादा अट्रैक्ट हुई थी। कभी-कभी होता है ना, जिसको आप क्रश बोलते हो। तो वो बैठ गई और बैठकर उस लड़के को देखने लगी। वो लड़का अपने फोन में लगा हुआ था, कुछ काम कर रहा था, पता नहीं क्या था, और माया की नज़रें बस उसी के ऊपर टिकी हुई थीं। उस वाले सेक्शन में सिर्फ ये दोनों ही बैठे हुए थे, आस-पास कोई था भी नहीं।

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