वशीकरण: एक खौफनाक प्रेम कहानी – Real horror Story in hindi

माया का एकतरफा प्यार जब जुनून में बदला, तो उसने वशीकरण का सहारा लिया। पर क्या उसे पता था कि इस काली दुनिया में कदम रखना उसे और रवि दोनों को एक ऐसे अंधेरे में धकेल देगा जहाँ से वापसी मुश्किल है? यह एक सच्ची घटना पर आधारित, real horror story in hindi है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
real horror story in hindi
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रिश्ते की शुरुआत: माया का जुनून, रवि का अंदेशा

इधर रवि भी बहुत सारी बातें सोच रहा था, लेकिन सरप्राइज़िंगली माया बहुत ज्यादा प्रोफेशनल निकली। वो अपने प्रोजेक्ट को बहुत अच्छे से हैंडल कर रही थी। अपनी टीम को बहुत अच्छे से वो हैंडल करती थी। मैनेजमेंट उसका बहुत अच्छा था। और यही सारी बातें देखकर रवि को लगा कि, “ठीक है, पर्सनल लेवल पर कुछ भी हो, लेकिन प्रोफेशनली तो ये प्रोजेक्ट बहुत अच्छा काम करेगा!” और इस तरह से धीरे-धीरे वो माया के साथ ओपन अप होने लगा।

अब माया के मन में तो पहले दिन से ही रवि के लिए फीलिंग्स जाग गई थीं, बट रवि के मन में ऐसी कोई फीलिंग्स नहीं थीं। लेकिन वो होता है ना कि जब दो लोग साथ में काम करते हैं, इंटरेक्शन होता है, दोनों दिखने में ठीक हैं, और एक आदमी के मन में एक फीलिंग जागी हुई है, तो कुछ ऐसा ही यहाँ पर भी हुआ। धीरे-धीरे प्रोजेक्ट के सिलसिले में बैठते, बात करते, डिस्कशन करते, जब वर्क में बात होती है, तो इधर-उधर की बातें भी होना शुरू होती हैं, और धीरे-धीरे इन दोनों के बीच में रिलेशनशिप डेवलप होना शुरू हुआ।

और इस तरह से इन दोनों के बीच में एक सिचुएशन शुरू हो गई। माया की तरफ से तो ये रिलेशनशिप था, लेकिन रवि की तरफ से सिर्फ और सिर्फ एक सिचुएशन थी। वो किसी भी तरह के कमिटमेंट से डरता था।

इस पूरे प्रोजेक्ट के दौरान इनके बीच में प्यार हुआ, इनके बीच में फिजिकल रिलेशंस भी बने। और तीन बार फिजिकल रिलेशंस बनने के बाद, चीज़ें बदल गईं।


इस्तेमाल, अस्वीकृति और एक खौफनाक खुलासा

अब रवि ने माया के अंदर इंटरेस्ट दिखाना बंद कर दिया था। और जैसे ही इनका प्रोजेक्ट एंड हुआ, उसके बाद से रवि ने माया से मिलना ही बंद कर दिया। माया बहुत बार उसे बोलती, कोशिश करती उससे मिलने की, लेकिन रवि उसको इग्नोर कर देता था।

माया ने जैसा सोचा था, रवि वैसा लड़का नहीं निकला। वो शायद एक दिल फेंक लड़का था, और जो सिचुएशन बनी, उसने उसका पूरा फायदा उठाया। और यहाँ माया जो थी, वो उसका जो ऑब्सेशन था, उसका बहुत खतरनाक था। वो उसे बार-बार कॉल करती। वो बोलता कि आज नहीं मिलूँगा, कल मिलूँगा। बार-बार वो उसको टाल रहा था। लेकिन माया को रवि से इस बार बहुत ज्यादा अट्रैक्शन और प्यार हो गया था। वो इस बार उसे जाने देना नहीं चाहती थी।

क्योंकि उसे सिर्फ रवि से प्यार नहीं था… उसे पता था कि उस कंपनी में रवि की क्या पोजीशन है, जब वो प्रोजेक्ट के दौरान मिले, उसे पता लगा कि उसकी उस कंपनी के अंदर कितनी वैल्यू है। और उसे एक और बात पता चली… उसे पता चला कि रवि जो है, वो एक अच्छी-खासी रिच फैमिली से बिलोंग करता है, इन्फ्लुएंशियल फैमिली है, और उसका फ्यूचर रवि के साथ सिक्योर है। वो उसे अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी, वो उसे खोने देना नहीं चाहती थी।

उसे पता लगा कि रवि के माँ-बाप नहीं हैं, वो अपने दादा-दादी के साथ रहता था। और रवि के खुद के नाम पर करीबन साढ़े पाँच से साढ़े सात करोड़ के आसपास की संपत्ति थी! तो आप समझ सकते हैं कि कितना ज्यादा इंपैक्ट माया के ऊपर पड़ा होगा जब उसने पहली बार ट्रेन में देखा था तो उसे अट्रैक्ट हुई थी। उसके बाद उसके साथ रही, उसकी पोजीशन देखी, और लास्ट में उसे पता लगा कि सब कुछ सेट हो सकता है इसके साथ, सब कुछ सही है! तो वो अब अपने हथकंडे अपनाने लग गई।

लेकिन रवि जो था, वो उसमें बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं था, और वो उसकी बातों का ना जवाब देता था, ना उससे मिलने आता था। उसने अपनी फ्रेंड राधिका से बात की। और राधिका से बात करके जब उसने ये सब कुछ बताया, तो राधिका ने बोला कि, “यार, तेरी सारी बात सही है, तू अपना फ्यूचर देख रही है, लेकिन वो तुझ में इंटरेस्टेड नहीं है। तुझे साफ-साफ दिख रहा है। तू वहाँ काम करने गई, वहाँ तुम्हारे बीच में जो भी कुछ हुआ, इट वॉज़ मुझे लगता है कि एक पार्ट सिर्फ, लेकिन वो तुझ में इंटरेस्टेड नहीं है। और अगर कोई इंसान तुम में इंटरेस्टेड नहीं है, तो तुम उससे ज़बरदस्ती प्यार नहीं करवा सकती हो। तू उसे पा भी लेगी, तो भी वो कभी तेरे साथ उसकी वो फीलिंग्स रहेगी नहीं, तो उस बात को समझने की कोशिश कर।”

तो राधिका ने उसे बहुत समझाया, बहुत समझाया, लेकिन माया मानने को तैयार नहीं थी।


जुनूनी माया का अगला कदम: काली दुनिया का सहारा

मैं आपको बता दूं एक और चीज़ कि जो रवि था, उसकी जो कंपनी थी, वो इंदौर में उसके एक ऑफिस था, उसके मल्टीपल ऑफिस थे, और वो किसी दूसरे शहर में रहता था। उस टाइम के लिए वो उस प्रोजेक्ट के हिसाब से ही वहाँ पर आया था। और जब पहली बार वो ट्रेन में चढ़ा था, तब भी वो किसी काम से आया था। तो इधर शहर दोनों के अलग-अलग थे, और माया के पास सिर्फ एक ही ज़रिया था – फ़ोन!

एक दिन उसने रवि को फोन किया। बहुत बार फोन करने के बाद, रवि ने थक हार कर फोन उठाया। उसने कहा कि, “अगर तुम मुझसे मिलने नहीं आ सकते हो, तो मैं तुमसे मिलने आती हूँ!” वो सीधा उसके ऑफिस पहुँचती है, वहाँ उससे मिलती है, और उससे बोलती है कि, “आखिर तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो?”

तो रवि बोलता है कि, “देखो, जो था वो हो गया। मुझे अब इसमें कोई, तुम में कोई इंटरेस्ट नहीं है।”

तो माया बोलती है, “अच्छा ठीक है, मैं अब दोबारा कभी नहीं आऊँगी। लास्ट बार आई हूँ, एक बार तो शहर घुमा दो।”

तो रवि बोला, “अच्छा ठीक है। फिर उसके बाद हम कभी नहीं मिलेंगे।”

तो माया बोलती है, “हाँ।” अब वो इधर से क्या प्लानिंग करके गई थी, रवि को भी नहीं पता था।

तो ये लोग घूमे। घूमने के बाद ये शंकर भगवान के एक मंदिर में गए, शिव-पार्वती का मंदिर था। वहाँ पर माया बोलती है कि, “देखो, मैंने तो दिल से तुम्हें अपना पति मान लिया है। मैं तो तुमसे शादी करना चाहती हूँ, लेकिन तुम मुझमें कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हो, और तुम ये कह रहे हो कि आज के बाद हम नहीं मिलेंगे।”

तो रवि ने उसकी बात सुनी। उसने बोला कि, “मेरी एक लास्ट इच्छा है, वो पूरी कर दो।”

तो रवि बोलता है, “बताओ क्या?”

माया ने कहा, “तुम मेरी माँग में सिंदूर भर दो। तुम चाहे मानो ना मानो, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपना पति मान के चलूँगी।

रवि को थोड़ा अजीब लगा। उसे लगा, “ठीक है यार, ये आफ़त से तो छूटेंगे।” तो उसने उसके माँग में सिंदूर भरा। उसके बाद उनकी एक तरीके से ये मान लो आप शादी हो गई – ये वाली, पता है जो मूवीज़ के अंदर होती है, बिल्कुल वैसे ही कुछ इस तरह का उसने सीन क्रिएट किया। फिर इसके बाद इनकी आफ्टर मैरिज सुहागरात भी हो गई।

अब अगले दिन रवि निकला अपने रास्ते। लेकिन माया मन ही मन रवि को अपना पति मान चुकी थी। माया के लिए सब कुछ जितना सीरियस हो रहा था, रवि के लिए सब कुछ उतना ही मज़ाक था। उसे लगा था कि मज़ाक में ही उसने ये सब किया है, शादी वगैरह, मतलब जो उसकी माँग में सिंदूर भरा है। वैसे भी इन दोनों की ऐज में बहुत डिफरेंस था। जहाँ पर माया करीबन 28 साल की थी, रवि की उम्र करीबन 36 साल थी।


ब्लॉक, डिप्रेशन और काले जादू की राह

अब इसके बाद माया वापस अपने शहर आ गई। और अपने शहर आते ही, जब उसने रवि को फोन किया, तो रवि ने उसका फोन ब्लॉक कर दिया। उसने व्हाट्सएप से, उसने अपने बाकी सारे सोशल मीडिया से माया को ब्लॉक कर दिया था। अब माया की हालत खराब हो गई। वो वापस से उसी जगह पहुँच गई जहाँ पहले उसके साथ ये सब हुआ था। वो बहुत परेशान थी। पूरी रात उसने राधिका से बात की, रो रही थी, बोल रही थी कि, “मेरे साथ ये सब क्यों होता है? फिर से मेरे साथ ये हो रहा है!

राधिका ने उसे समझाया कि, “देख, जो हो गया सो हो गया। तू भी तो समझने की कोशिश कर, वो लड़का टॉक्सिक है। उसे तुझ में कोई इंटरेस्ट नहीं है। वो सिर्फ तुझे यूज़ कर रहा है। जब तू उसके पास जाती है, वो तुझे यूज़ करता है, और उसके बाद फिर से तुझसे बात करना बंद कर देता है। ये बहुत क्लियर साइन हैं कि उसे तुझसे कोई लेना देना नहीं है, और तू उसके पीछे बेमतलब पागल हो रही है।”

लेकिन यहाँ माया का जो साइकोलॉजिकल लेवल था, वो अलग हो चुका था। उसने अगले दिन से ही 21 दिनों का मैनिफेस्टेशन पीरियड स्टार्ट किया। अब मैं आपको बता दूं, कहीं ना कहीं उसने वो टेक्निक देखी कि 21 दिनों तक आपको हर टाइम दिमाग में आपकी जो चीज़ चाहिए, वो चाहिए होती है, और उसकी बारे में आप सोचते रहते हो। लेकिन सात दिन गुज़रने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ, तो उसने वो छोड़ दिया।

फिर वो अपनी कुंडली लेकर एस्ट्रोलॉजर्स के पास पहुँचने लगी। उन एस्ट्रोलॉजर्स ने उसकी कुंडली देखकर बताया कि भाई उसके भाग्य में इस लड़के के साथ रिश्ता नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन वो ये सब भी मानने को तैयार नहीं थी। पता नहीं ऐसा कौन सा भूत सवार हो गया था उसके ऊपर कि बस वो रवि को किसी भी कीमत पर पाना चाहती थी।


ऊपरी ताकतों का सहारा: काले जादू की शुरुआत

उसी के ऑफिस में उसका ही एक कलीग था, जिनको वो भैया बोला करती थी। और उन भैया ने जब उससे सारी बातचीत सुनी, तो उन्होंने कहा, “एक काम करो, तुम ऊपरी ताकतों का सहारा लो। तुम्हारा काम बन जाएगा।

उन भैया ने ही उन्हें कोलकाता में एक बाबा का एड्रेस दिया। वो उन बाबा के पास गई और जाकर उनको सारी बात बताई। तो बाबा बोले कि, “तुम जो चाह रही हो वो हो जाएगा, लेकिन तुम उस लड़के के साथ रह नहीं पाओगी। इसलिए तुम जो भी करना चाहती हो, पहले अच्छी तरह से सोच समझ लो।”

उनसे मिलने के बाद उसने राधिका को फोन किया। राधिका को फोन करके उसने बताया, तो राधिका ने बोला कि, “देख, ये सब ठीक नहीं है, और मैं इसमें तेरा बिल्कुल भी साथ नहीं दूँगी। तू पागल हो चुकी है। ऐसे भी उस इंसान को पाकर तुझे क्या मिल जाएगा?”

लेकिन माया उसकी बात सुनने-समझने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। वो फिर अगले दिन जाकर उन बाबा से मिली। उन बाबा ने उसे कुछ चीज़ें दीं, कुछ तावीज़ दिया, कुछ पानी दिया। दो-तीन दिन तक वो सब यूज़ करने के बाद उसने देखा कि तीसरे दिन रवि ने उसको ब्लॉक से हटा दिया! उसने उसको फोन किया, रवि ने उससे बहुत अच्छे से बात की। दो-तीन दिन अच्छी बात हुई, और अब माया को ये लगने लग गया था कि बाबा ही उसे रवि से मिलवा सकते हैं।

लेकिन उसका ये वहम भी बहुत जल्दी दूर हो गया। वो वहाँ से आई और उसके दो-तीन दिन बाद ही वापस रवि ने उसको ब्लॉक कर दिया। अब ऐसा होता था कि जब उसकी इच्छा होती, वो उसे अनब्लॉक करता, उससे बातचीत करता, फिर जब उसकी इच्छा होती है, ब्लॉक करके भाग जाता। इन सब से वो बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी।

लेकिन उसे एक चीज़ समझ में आ गई थी कि अगर कुछ काम कर सकता है, तो वो ये है – ऊपरी ताकत! क्योंकि जिस दिन वो उन बाबा से मिली थी, उनसे मिलने के कुछ दिनों तक रवि ने उससे बात की।

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